BCom 2nd Year Cost Accounting Material Control Concept and Techniques Study Material

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सामग्री नियन्त्रण की तकनीकें(Material/Inventory Control Measures/Techniques)

Table of Contents

 सामग्री नियन्त्रण हेतु सामान्यत: निम्नलिखित तकनीकों का प्रयोग किया जाता है—

1.मितव्ययी आदेश मात्रा/पुन: आदेश मात्रा का निर्धारण (Determination of E.0.0.)

2. सामग्री की विभिन्न स्कन्ध सीमाओं/स्कन्ध स्तरों का निर्धारण (Determination of Various Stock Limits or Stock Levels of Materials) 11317891500EBIES

3. ठीक उसी समय क्रय स्कन्ध प्रणाली (Just-In-Time Purchasing Inventory System0)

4.निरन्तर स्टॉक-सूची प्रणाली (Perpetual Inventory System)

5. ए० बी० सी० विश्लेषण योजना (ABC Analysis Plan)

6.वी० ई० डी० विश्लेषण योजना (VED Analysis Plan)

7.सामग्री/स्कन्ध आवर्त अनुपात (Material/Inventory Turnover Ratio)

8.सामग्री का FSND वर्गीकरण (FSND Classification of Material)

1. मितव्ययी/आर्थिक आदेश मात्रा का निर्धारण(Determination of Economic Order Quantity)

       सामग्री क्रय करते समय महत्त्वपूर्ण प्रश्न यह उठता है कि एक बार में कितनी मात्रा में सामग्री खरीदी जाये। सामग्री की वह मात्रा जिसके लिए एक समय पर आदेश दिया जाता है, पुनः आदेश मात्रा (Re-order Quantity) कहलाती है। यदि सामग्री बड़ी मात्रा में खरीदी जाती है तो वहन लागत (Carrying Cost) अधिक पड़ती है और यदि थोड़ी मात्रा में बार-बार क्रय की जाये तो आदेशन लागत (Ordering Cost) अधिक पड़ती है। अत: एक बार में इतनी मात्रा में सामग्री क्रय की जानी चाहिए कि उस पर जो लागत पड़े वह मितव्ययी हो। इसी मात्रा को मितव्ययी/आर्थिक आदेश मात्रा (E.0.Q.) अथवा पुनः आदेश मात्रा (Re-order Quantity) कहते हैं।

मितव्ययी आदेश मात्रा के निर्धारण में निम्नलिखित सूचनाओं की जानकारी अनिवार्य है

(1) वार्षिक आवश्यकता (Annual Requirement) अर्थात् सम्बन्धित सामग्री मद की एक वर्ष में कुल कितनी मात्रा खरीदनी पड़ती है। इसे Rद्वारा दर्शाया जाता है। __

(2) प्रति आदेश लागत (Cost of Placing in Each Order)-इसमें सामग्री क्रय करने हेतु क्रय अधिग्रहण प्रपत्र तैयार करने, विभिन्न विक्रेताओं का पता लगाने, सर्वोत्तम विक्रेता का चुनाव करने, क्रय हेतु आदेश देने, आदि क्रियाओं से सम्बन्धित व्ययों को शामिल करते हैं। इसे C द्वारा दर्शाते हैं। इसे आदेशन लागत (Ordering Cost), स्थापन लागत (Set-up Cost) एवं अधिप्राप्ति लागत (Procurement Cost) भी कहते हैं।

(3) वहन लागत या धारण व्यय या संचित व्यय (Holding Cost or Carrying Cost) इस प्रकार की लागतों में सामग्री की प्राप्ति के उपरान्त इसके प्रयोग अथवा बिक्री हो जाने तक सामग्री के संग्रहण सम्बन्धी व्ययों को शामिल करते हैं। इस प्रकार की लागतों में मुख्य रूप से संग्रहण करने के लिए प्रयोग किये जाने वाले स्थान का किराया, स्कन्ध में विनियोजित हुई पूँजी पर ब्याज, भण्डार-गृह का बीमा, सामग्री का सिकुड़ना एवं चोरी, ह्रास, अप्रचलन लागत, आदि को सम्मिलित किया जाता है। यह लागतें कम-से-कम मात्रा में सामग्री के आदेश हेतु प्रोत्साहित करती हैं क्योंकि जितनी अधिक मात्रा में माल क्रय किया जायेगा परिणामत: उतनी ही वहन लागतें बढ़ जायेंगी। सामग्री की प्रति इकाई पर होने वाले धारण व्यय का अनुमान अधिकांशत: पिछले अनुभव के आधार पर लिया जाता है। प्रायः इन्हें वार्षिक औसत स्कन्ध मूल्य के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। वार्षिक वहन लागतें ज्ञात करने के लिए निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग किया जाता है

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Annual Hoding Cost = (q0/2)x CH

where, qo = Quantity to be ordered (आदेश मात्रा)

 CH = Holding cost per unit year (प्रति इकाई प्रति वर्ष वहन लागत)

 नोट-चूँकि धारण व्यय हमेशा औसत स्कन्ध पर ही परिगणित किया जाता है, इसी कारण आदेश मात्रा (q0) में 2 का भाग किया गया है।

उपरोक्त दोनों प्रकार की लागतों का व्यवहार एक-दूसरे के विपरीत है। जब प्रति आदेश क्रय की मात्रा कम होती है तो पूरे वर्ष में कुल आदेश लागत अधिक हो जाती है तथा संग्रह करने की कुल लागत कम हो जाती है। इसके विपरीत, जब प्रति आदेश क्रय की मात्रा अधिक हो तो कुल आदेश लागत कम हो जाती है परन्तु संग्रह करने की कुल लागत अधिक हो जाती है। इन दोनों प्रकार की लागतों में सन्तुलन प्राप्त करना ही मुख्य समस्या है। आर्थिक आदेश मात्रा उस स्तर पर निर्धारित की जाती है जहाँ पर दोनों प्रकार की लागतों का योग न्यूनतम हो।

मितव्ययी आदेश मात्रा निर्धारण की मान्यताएँ (Assumptions of E.O.Q.)

(1) संस्था के प्रबन्ध तन्त्र को संस्था में उपभोग की जाने वाली सामग्री-सूची के प्रत्येक मद की वार्षिक आवश्यकता की निश्चित जानकारी है।

(2) प्रत्येक सामग्री मद की उपभोग दर स्थिर है।

(3) सामग्री का प्रति इकाई क्रय-मूल्य स्थिर है। यह माना जाता है कि अतिरिक्त छूट का कोई प्रॉवधान नहीं है।

(4) प्रति इकाई वहन लागत स्थिर है।

(5) आदेशन लागत प्रति आदेश स्थिर है।

(6) अधिप्राप्ति समय स्थिर है।

(7) पिछला स्कन्ध समाप्त होते ही आदेशित सामग्री तुरन्त प्राप्त हो जाती है। व्यावहारिक जीवन में उपर्युक्त मान्यताओं का पूरा होना असम्भव है।

 मितव्ययी आदेश मात्रा की गणना का सूत्र–संक्षेप में, मितव्ययी आदेश मात्रा स्कन्ध (Inventory) के क्रयादेश – वह मात्रा है जहाँ स्कन्ध वहन लागत तथा कुल आदेशन लागत एक-दूसरे के बराबर होती हैं और दोनों लागतों का गन्यूनतम होता है। इसे ज्ञात करने के लिए निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग किया जाता है

मितव्ययी आदेश मात्रा की गणना के सूत्र में प्रयोग किये जाने वाले शब्दों की व्याख्या

R = Annual Requirement in units (वार्षिक आवश्यकता इकाइयों में)

Cp = Ordering cost per order or set-up cost per set-up or Cost placing

in each order (आदेश व्यय प्रति आदेश)

CH = Holding cost per unit per year (प्रति इकाई वार्षिक वहन लागत) or

Carrying cost per unit per year

E.O.Q. = Economic Order quantity or Optimum order quantity or

Standard order quantity or Economic lot size (मितव्ययी आदेश मात्रा अथवा प्रमाप आदेश मात्रा)

कुल स्कन्ध लागत की गणना (Calculation of Total Inventory Cost)

T.1.C. = Purchase Price of Annual Requirement of Material + Ordering Cost + Carrying Cost  (i)Purchase Price of Annual Requirement = Rx P

 

 मितव्ययी आदेश मात्रा नीति का अनुसरण किये जाने पर सामग्री को वहन करने एवं आदेश देने की वार्षिक कुल लागत

(Total Cost of Carrying inventory and Ordering per annum, if the company follows the policy of economic order quantity):

Total cost of carrying inventory and ordering per annum =

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सदैव ध्यान रखने योग्य बिन्दु

(1) यदि प्रश्न में संस्था की सामग्री आवश्यकता वार्षिक न देकर मासिक, साप्ताहिक, अर्धवार्षिक दी हई हो तो उसे सर्वप्रथम क्रमश: 12,52 व 2 से गुणा करके वार्षिक आवश्यकता में परिवर्तित करेंगे।

(2) यदि वहन लागत प्रति इकाई प्रति वर्ष नहीं दी गई है तो आवश्यक गुणा करके वहन लागत प्रति वर्ष ज्ञात कर लेंगे।

(3) यदि प्रश्न में वहन लागत प्रति वर्ष प्रति इकाई स्वयं निकाल कर दे रखी है तब तो ठीक है। परन्तु यदि वहन लागत प्रति डकार्ड प्रति वर्ष औसत स्कन्ध मूल्य के प्रतिशत में दी हुई है, तो वहन लागत प्रति इकाई प्रति वर्ष मात करने के लिए वहन लागत प्रतिशत में प्रति इकाई सामग्री क्रय-मूल्य की गुणा कर लेंगे। अतः विभिन्न छट पस्तावों की टणा में जैसे-जैसे क्रय-मल्य परिवर्तित होंगे वैसे-वैसे उन्हीं परिवर्तित क्रय-मूल्यों में दी हर्ड प्रतिशत की गुणा करके Ch  की गणना कर ली जाती है ।

 (4) यदि मितव्ययी आदेश मात्रा पूर्णांक में नहीं आ रही है तो उपसादन द्वारा उसे पूर्णांक में कर लेना चाहिए।

(5) मितव्ययी आदेश मात्रा नीति का अनुसरण किये जाने पर वार्षिक स्कन्ध वहन लागत एवं वार्षिक आदेशान लागत एक-दूसरे के बराबर होती हैं।

(6) बिना किसी छुट प्रस्ताव के समान क्रय मूल्य पर भिन्न-भिन्न आदेश मात्राओं के प्रस्तावों में से लाभप्रद/मितव्ययी आदेश मात्रा का चयन करने हेतु अलग-अलग प्रस्तावित आदेश मात्राओं में जिस भी आदेश मात्रा की कुल स्कन्ध लागत (कुल आदेशन लागत + कुल वहन लागत) न्यूनतम हो उतनी मात्रा में आदेश देना ही मितव्ययी होता है। ऐसी दशा में कुल स्कन्ध लागत की गणना में सामग्री के क्रय मूल्य को शामिल करने की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि प्रत्येक प्रस्तावित विकल्प में क्रय मूल्य एक समान ही रहता है।

मात्रा छूट या मूल्य-विच्छेद

(Quantity Discount or Price Breaks)

 प्राय: सामग्री पूर्तिकर्ता बड़ी मात्रा में आदेश देने हेतु विभिन्न छूट प्रस्ताव रखता है एवं प्रश्न में सर्वोत्तम चुनाव करने के लिए कहा जाता है। ऐसी दशा में सर्वप्रथम तो हम किसी भी छूट प्रस्ताव को विचार में न लेते हुए E.O.Q. एवं T.I.C. की गणना कर लेंगे। इसके बाद प्रत्येक छूट विकल्प में T.I.C. की गणना करेंगे एवं जिस भी छूट विकल्प में T.I.C. सबसे कम आयेगी उसे ही स्वीकार करने की संस्तुति करेंगे। परन्तु ध्यान रहे प्रत्येक छूट विकल्प में सामग्री क्रय मूल्य प्रति इकाई (P), आदेश मात्रा (40), वहन लागत प्रति इकाई प्रति वर्ष (C) परिवर्तित होते रहेंगे जबकि R एवं परिवर्तित नहीं होंगे। विभिन्न छूट प्रस्तावों की दशा में सबसे कम T.I.C. वाले विकल्प की आदेश मात्रा ही अनुकूलतम आदेश मात्रा कही जायेगी।

 Illustration 1.

निम्नलिखित सूचना से मितव्ययी आदेश मात्रा तथा वर्ष में दिये जाने वाले आदेशों की संख्या ज्ञात कीजिए

Find out the E.O.Q. and No. of orders to be placed during the year from the following information:

वार्षिक उपभोग (Annual consumption) : 120 इकाइयाँ

क्रय करने की प्रति आदेश लागत (Buying cost per order) : 20 rs

प्रति इकाई मूल्य (Unit price): 100 rs

गोदाम व वहन लागत औसत सामग्री की प्रतिशत के आधार पर

 (Storage and carrying cost as % of average inventory): 12%

(Rohilkhand Bareilly 2009 Imp.; Garhwal, 2006 BP and 2013)

 Solution:

E.O.Q. = 20 units; Orders to be placed in a year = 6.

 Illustration 2.

निम्नांकित के लिए मितव्ययी आदेश मात्रा तथा कुल स्कन्ध लागत की गणना कीजिए

Compute E.O.Q. and Total Inventory cost for the following:

वार्षिक माँग (Annual Demand)                                   =5000 units

इकाई मूल्य (Unit Price)                                              =20 rs

आदेश लागत (Order Cost)                                          =16 Per order

भण्डारण दर (Storage Rate)                                        =2% per annum

ब्याज दर (Interest Rate)                                             =12% per annum       

अप्रचलन दर (Obsolescence Rate)                            =6% per annum

                                                                                    (Kanpur, 2013; Meerut, 2007

Solution:

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Illustration 3.

एक फर्म एक ही प्रकार के उत्पाद का उत्पादन करती है। उत्पाद के निर्माण के लिए कच्चे माल की 2 डकार हाता है। यह मानिए कि फर्म प्रति वर्ष 1000 इकाइयों का निर्माण करती है। प्रति आदेश की लागत 40 इकाई प्रति वर्ष माल रखने की लागत पर है। आर्थिक आदेश की मात्रा ज्ञात कीजिए।

A firm  manufactures a single type of product. For manufacture of the product 2 units of raw mai are consumed. Assume that the firm manufactures 1,000 units per year. Cost of placing an order is 40 and carrying cost per unitis₹1p.a. You are required  to calcutate Economic Order Quantity

Solution :

 Given :

Annual Requirement (R) = 2 x 1,000 = 2,000 units

Cost of placing an order (Cp) = rs 40

Carrying Cost per unit per annum (CH) = 1

 11 Illustration 4.

एक निर्माता को किसी कच्ची सामग्री की 1.000 इकाइयाँ प्रति माह की आवश्यकता है। आदेश लागत 15 ₹ प्रति आदेश ह। धारण व्यय 2₹ प्रति इकाई के अतिरिक्त औसत संचिति का 15% प्रति इकाई प्रति वर्ष अनुमानित है। सामग्री का क्रय मूल्य 10₹ प्रति इकाई है। मितव्ययी आदेश मात्रा ज्ञात कीजिये तथा कुल लागत निकालिये।

A manufacturer requires 1,000 units of a raw material per month. The ordering cost is 15 per order.he carrying cost in addition to 2 per unit is estimated to be 15% of the average inventory per unitper year. The purchase price of the raw material is₹10 per unit. Find economic lot size and total cost.

 Solution:

 Illustration 5.

शिवम कारखाना 30,000 ₹ के एक प्रकार के कच्चे माल को प्रति वर्ष काम में लाता है जिसका मूल्य 1.25 ₹ प्रति इकाई है। आदेश व्यय 25 ₹ प्रति आदेश है और धारण व्यय औसत संचिति का 6 प्रतिशत प्रति वर्ष है। मितव्ययी आदेश मात्रा ज्ञात कीजिए और सामग्री लागत भी ज्ञात कीजिए।

Shivam factory uses ₹30,000 worth of raw material per year which costs ₹ 1.25 per unit. Placing each order costs ₹ 25 and the carrying cost is 6 percent per year of the average inventory. Find the E.O.Q. and the total inventory cost.

(Meerut, 2007)

 Solution:

Annual Requirement (in ₹) = ₹ 30,000

Purchase Price per unit (P) = ₹ 1.25

Annual Requirement in Units = 30,000-1.25 = 24,000

Ordering Cost per Order (Cp) = ₹ 25

Carrying Cost per unit per year (CH) = 6% of₹ 1.25 = ₹0.075

 Illustration 6.

एक वस्तु की वार्षिक माँग 3,200 इकाइयाँ है। प्रति इकाई लागत 6 ₹ है तथा स्टॉक रखने की लागत 25% प्रति वर्ष है। यदि एक आदेश की लागत 150 ₹ हो, तो ज्ञात कीजिये-(अ) आर्थिक आदेश मात्रा; (ब) प्रत्येक वर्ष आदेशों की संख्या : (स) दो लगातार आदेशों के मध्य समय

The annual demand for an item is 3,200 units. The unit cost is ₹6 and inventory carrying cost is 25% per annum. If the cost of one order is ₹ 150, determine : (a) Economic order quantity; (b) Number of orders per year; (c) Time between two consecutive order.

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Solution :

Illustration 7.

विभव लिमिटेड एक समय पर एक माह में उपयोग का आदेश देते हुए अपनी वार्षिक आवश्यकता हेतु किसी स्पेयर पार्ट की 9,000 इकाइयाँ क्रय करती है। प्रत्येक स्पेयर पार्ट की लागत 20 ₹ है। आदेश देने की लागत प्रति आदेश 15 ₹ है एवं वहन व्यय इकाई लागत के 15% हैं। आपकी राय में क्या यह सही (ठीक) नीति है ? यदि नहीं तो कम्पनी के लिए अधिक मितव्ययी (आर्थिक) क्रय नीति का सुझाव दीजिए। स्कन्ध आदेशन एवं वहन की कुल वार्षिक लागत भी ज्ञात कीजिए।

Vibhav Ltd. purchases 9,000 units of spare parts for its annual requirement, ordering one month usage at a time. Each spare part costs 20. The ordering cost per order is 15 and the carrying charges are 15% of unit cost. Do you think it is a correct policy ? If not, suggest a more economical purchase policy for the company. Also find out the total annual cost of inventory ordering and carrying

 

Comparative Statement of Inventory Costs

 

The firm is not following a correct policy it should buy in economic order quantity . this will help  the firm  to save Rs 405(1305-900) in inventory costs.

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Illustration 8.

एक निर्माता को किसी कच्ची सामग्री की 4000 किलोग्राम वार्षिक की आवश्यकता है। आदश लाया ) धारण व्यय औसत स्कन्ध का 8% प्रति इकाई प्रति वर्ष अनमानित है। सामग्री का क्रय मूल्य का 4,000 किलोग्राम वार्षिक की आवश्यकता है। आदेश लागत 5 ₹ प्रति आदेश है। अनुमानित है। सामग्री का क्रय मूल्य 2 ₹ प्रति किलोग्राम है। मितव्ययी आदेश मात्रा तथा कल लागत जात कीजिए। निर्माता को 800 किलोग्राम या आधिक परन्तु क आदेश पर क्रय मूल्य में 5% की छट का प्रस्ताव है। साथ ही यदि आदेश 2,000 किलोग्राम या आधक का दिया जाए। 12% का आतारक्त छूट और मिल सकती है। यह बताइए कि उसे क्रय की इन तीन विधियों में से किसे अपनाना चाहिए।

A manufacturer requires 4,000 kg. of a raw material annually. The ordering cost is ₹ 5 per order. The carrying cost is estimated to be 8% of average inventory per year. The purchase price of the raw material is * 2 per kg. Find the Economic lot size and the total cost. The manufactu discount in purchase price for order of 800 kg. or more but less than 2,000 Kg. A Further 2% discout is available for order  of 2000 kg  or more . which  of  the three ways  of purchase he should adopt .

As it is clear from the above calculations that lowest T.I.C. is in case of offer of 7% discount. Therefore, he should accept the offer of 7% discount.

Illustration 9.

एक कम्पनी किसी कच्ची सामग्री से एक वस्तु (उत्पाद) निर्मित करती है, जो कि 60 ₹ प्रति किलोग्राम क्रय की जाती है। कम्पनी प्रति आदेश पर 360 ₹ हस्थन लागत + 390 ₹ भाड़े का व्यय करती है। कच्ची सामग्री के स्कन्ध की वद्धिमान वहन लागत 0.50 ₹ प्रति किलोग्राम प्रतिमाह है। इसके अतिरिक्त, कच्ची सामग्री के स्कन्ध में विनियोग पर कार्यशील पूँजी वित्त की लागत 9₹ प्रति किलोग्राम प्रतिवर्ष है। उत्पाद का वार्षिक उत्पादन 1,00,000 इकाइयाँ है एवं एक किलोग्राम कच्ची सामग्री से 2.5 इकाइया प्राप्त होती है। आपको-(1) कच्ची सामग्री की मितव्ययी आदेश मात्रा की गणना करनी है. (2) कितने समय अन्तराल पर सामग्री की प्राप्ति हेतु आदेश देने के लिए परामर्श दें. (3) यदि कम्पनी पार पर आदेश प्रेषित करने का प्रस्ताव करती है तो कच्ची सामग्री के मूल्य में कितने प्रतिशत छूट का बातचीत करना चाहिये?

A company manufactures a product from a raw materials, which is purchased at ₹ 60 per kg. The company incurs a handling cost * 360 plus freight of 390 per order. The incremental carrying cost of inventory of raw material is * 0.50 per kg per month. In addition, the cost of working capital finance on the investment in inventory of raw material is * 9 per kg. per annum. The annual production of the product is 1,00,000 units and 2.5 units are obtained from one kg of raw materials. You are required to:

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