BCom 1st Year Human Resource Accounting Study Material Notes In Hindi

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(ब) फ्लेमहोल्ज मॉडल (Flamholtz’s Model)—यह मॉडल लेव एवं श्वार्ज के मॉडल की कमियों को दूर करता है। दस गॉदल में कर्मचारियों के सेवा-स्तर (भमिका) में होने वाले परिवर्तनों व अवकाश ग्रहण की निश्चित तिथि से पर्व ही अवकाश लेने की सम्भावनाओं को ध्यान में रखते हुए भावी आय को हासिल करके मानव संसाधन का मूल्य ज्ञात किया जाता है। इस मॉडल के अनुसार एक कर्मचारी के मूल्य मापन में निम्न पग (Steps) निहित होते है

(1) भविष्य में कर्मचारी संस्था में कितनी अवधि तक बना रहेगा-इसका अनुमान लगाया जाता है।

(2) भविष्य में कर्मचारी कौन-सा पद ग्रहण कर सकेगा अर्थात् उसकी भूमिका में क्या परिवर्तन होगा। इसका भी

अनुमान लगाया जाता है।

(3) कर्मचारी के पद से संस्था को क्या मूल्य प्राप्त होगा-इसका भी अनुमान लगाया जाता है।

(4) अन्त में कर्मचारी को विभिन्न पदों पर प्राप्त भावी आय को हासिल करके कर्मचारी का मूल्य ज्ञात कर लिया जाता है।

यह भी ध्यान देने योग्य है कि कर्मचारी की कार्य-प्रवत्ति व मनोदशा तथा संगठनात्मक संरचना व प्रबन्ध-विधि का भी ध्यान में रखना पड़ता है।

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आलोचनात्मक समीक्षायह मॉडल कर्मचारी के कैरियर में होने वाले परिवर्तनों व अवकाश-तिथि से पूर्व नौकरी छोड़ने की सम्भावनाओं को ध्यान में रखता है, जिसके कारण लेव व श्वार्ज मॉडल से अधिक उपयुक्त माना जाता है, परन्तु कर्मचारी के विभिन्न पदों पर आसीन होने की सम्भावनाओं और विभिन्न पदों से होने वाली आय अंशदानों का अनुमान लगाना सरल कार्य नहीं है। साथ ही ऐसा अनुमान एक खचीला कार्य है। यह पता लगाना भी जटिल कार्य है कि कर्मचारी कितनी अवधि तक सेवा में बना रहेगा। इन सभी तथ्यों के कारण वैध समंकों को प्राप्त करना कठिन हो जाता है।

(स) जग्गी एवं लाऊ मॉडल (Jaggi and Lau’s Model)—यह मॉडल इस कमी को पूरा करता है कि प्रत्येक कर्मचारी क सम्बन्ध में करियर में परिवर्तन व पर्वावकाश की सम्भावना ज्ञात करना जटिल कार्य है। अत: इस मॉडल में समूह का मूल्याकन किया जाता है। संस्था के सभी कर्मचारियों को अलग-अलग समहों में एकरूपता के आधार पर बांट दिया जाता है, भले ही वे अलग-अलग विभागों में कार्य करते हों। समूह के अनुसार भावी आय का अनुमान लगाकर उसे हासित कर लेते हैं और प्रत्येक समूह क ह्रासित मूल्य को जोड़कर समूचे मानव संसाधनों का मूल्य ज्ञात कर लिया जाता है। इस मॉडल की यह मान्यता है कि एक समय अवधि के दौरान कर्मचारियों के कैरियर में उतार-चढ़ाव कमोवेश स्थिर (Constant) रहता है। __आलोचनात्मक समीक्षा-यह मॉडल समूह को लेकर चलता है और इस प्रकार प्रत्येक कर्मचारी के मूल्य मापने हेतु बताये गये पूर्व के दो मॉडल्स की कमियों को दूर करता है परन्तु कर्मचारियों को समूह में बाँटना और उस समूह की भावी आय ज्ञात करना बहुत ही जटिल कार्य माना जाता है।

(द) हरमैन्सन मॉडल (Hermanson’s Model) यह मॉडल इस सामान्य विश्वास पर आधारित है कि कर्मचारी का वेतन व संस्था के लिए उस कर्मचारी का मूल्य इन दोनों में घनिष्ठ सम्बन्ध होता है। इस मॉडल में एक कर्मचारी के भावी वेतन का वर्तमान मूल्य ज्ञात किया जाता है। अगले कुछ वर्षों (सामान्यत: 5 वर्षों) के लिए वार्षिक मजदूरी या वेतन का अनुमान लगाया जाता है और उसे हासित कर लेते हैं। इस प्रकार से आकलित वर्तमान मूल्य को जोड़कर सभी कर्मचारियों का मूल्य ज्ञात करते हैं, जिसे क्षमता कारक (Efficiency Factor) या क्षमता अनुपात से गुणा कर देते हैं। क्षमता अनुपात की गणना भारांकित औसत के आधार पर ज्ञात की जाती है। भार प्रदान करते समय चालू वर्ष को अधिक और भूत वर्ष को कम भार दिया जाता है।

आलोचनात्मक समीक्षवा-क्षमता कारक (अनुपात) के प्रयोग से मानव संसाधन के निष्पादन अन्तर को समायोजित कर देने के कारण मानव संसाधन का उचित मूल्य ज्ञात करने की सम्भावना बढ़ जाती है। वेतन और संस्था के लिए कर्मचारी का मल्य-इन दोनों में प्रत्यक्ष सम्बन्ध होने की मान्यता भी सही प्रतीत नहीं होती है। भार देने की प्रक्रिया को भी दषित ठहराया गया है। मॉडल में पाँच वर्ष की अवधि का चुनाव भी कृत्रिम प्रतीत होता है।

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chetansati

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