Bcom 2nd Year Cost Accounting Non Integrated Accounting System Study Material Notes in Hindi

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गैर-एकीकत लेखांकन के लाभ

Table of Contents

(Advantages of Non-Integrated Accounting)

(1) सरल पद्धति-तुलनात्मक रूप से यह एक सरल पद्धति है, क्योंकि इसमें एकाकृत अभिलेखन की तरह जटिलताएँ नहीं होती

(2) आन्तरिक जाँच-इस पद्धति में लेखों की आन्तरिक जाँच होती रहती है जो लागत लखानाना सम्भव होता है। लागत सम्बन्धी विस्तृत सूचनायेंल पद्धति है, क्योंकि इसमें एकीकृत लेखांकन में प्रविष्टियों के सुनिश्चित करती है।तारक जांच होती रहती है जो लागत लेखों में अधिक शुद्धता

(3) लेखांकन में विशिष्टीकरण करती है जिससे लेखांकन कार्य में विशिष्टीकरण का लाभ हो जाता है।

शिष्टीकरण-यह पद्धति लेखांकन कार्य का लेखांकन कार्य करने वालों के मध्य विभाजन सम्भव

(4) अन्तिम खातों की शीघ्र तैयारी-इस पद्धति के द्वारा अन्तिम खाते अर्थात् ला शीघ्रतापूर्वक तैयार हो जाते हैं, क्योंकि इसमें स्टॉक का मूल्यांकन बिना देरी के सम्भव होता है।

(5) नियन्त्रण खातों की भूमिका-इस पद्धति में खोले जाने वाले विभिन्न नियन्त्रण खाते विभिन्न सहायक बाहय उपलब्ध विस्तृत सूचनाओं को सारांश रूप में प्रस्तुत करने में प्रबन्ध की सहायता करते हैं।

(6) प्रभावी नियन्त्रण-इस पद्धति के अन्तर्गत लागत के विभिन्न तत्वों जैसे सामग्री, श्रम एवं उपरिव्ययों पर प्रभ नियन्त्रण रहता है।

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गैर-एकीकृत लेखांकन की सीमाएँ

(Limitations of Non-Integrated Accounting)

 (1) कार्य का दोहरापन-लेखों के दो सैटस रखने से लेखांकन कार्य में दोहरापन होता है, जिसका अर्थ है आतारक्त लिपिकीय कार्य एवं अतिरिक्त लागत।

(2) दोनों लेखों के समाधान की आवश्यकता-इस पद्धति में सामान्यतः लागत पस्तकों एवं वित्तीय पुस्तकों के लाभ या हानि की राशि में अन्तर आता है। इसके लिये दोनों पुस्तकों के मध्य समाधान की आवश्यकता होती है, जिसका अर्थ है-अतिरिक्त लिपिकीय कार्य एवं अतिरिक्त लागत।

लागत विभाग में रखी जाने वाली मुख्य खाता-पुस्तकें

(Principal Ledger to be kept in Cost Department)

लेखांकन की इस पद्धति के अन्तर्गत सामान्यत: लागत विभाग में निम्नलिखित खाता-पुस्तकें रखी जाती हैं

(1) स्टोर्स खाता-पुस्तक (Stores Ledger)-इस पुस्तक में स्टोर की प्रत्येक मद (प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष सामग्री से सम्बन्धित प्रत्येक मद के लिये) के लिये एक पृथक् खाता खोला जाता है जिसमें सम्बन्धित सामग्री की प्राप्ति, निर्गमन तथा शेष की मात्रा एवं मूल्य दोनों का दिनांक सहित विस्तृत विवरण उपलब्ध होता है।

(2) चालू कार्य खाता-पुस्तक (Work in Progress Ledger)-इसे उपकार्य खाता-बही (Job Ldeger) भी कहते हैं। इस पुस्तक में प्रत्येक जॉब (Job), बैंच या प्रक्रिया के लिये पृथक् खाता खोला जाता है। प्रत्येक कार्य पर व्यय होने वाली सामग्री. श्रम तथा उपरिव्यय का लेखा सम्बन्धित खाते में किया जाता है।

(3) निर्मित माल खाता-बही (Finished Goods Ledger)-इस पुस्तक में उत्पाद की प्रत्येक मद के लिये पूरी तरह से बन गये माल का अभिलेख रखने के लिये अलग खाता खोला जाता है। दूसरे शब्दों में, इस खाता-बही में प्रोकर की निर्मित वस्तु का एक पृथक् खाता खोला जाता है।

(4) लागत या सामान्य खाता-बही (Cost or General Ledger) -लागत विभाग में रखी जाने वाली खाता बहियों में खाता, प्रत्यक्ष व्यय यह प्रमख खाता-बही होती है। इस खाता-बही में समस्त अव्यक्तिगत खाते खोले जाते हैं जिनमें खाता, कारखाना उपरिव्यय खाता, कार्यालय एवं विक्रय व वितरण उपरिव्यय खाता प्रमुख है।

लागत खाता-बही में रखे जाने वाले प्रमुख नियन्त्रण खाते

(Principal Control Accounts in Cost Ledger)

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लागत नियन्त्रण खाते’को ‘योग खाते’(Total Accounts) भा कहा जा सकता है। दोहरा लेखा प्रणाली के अन्तर्गत पोट टेबिट के लिये उतना ही क्रेडिट किया जाता है। इन खाता का खालन का उद्देश्य दोहरी लेखा प्रणाली को पूर्ण करके लागत पुस्तकों को स्वकीय-सन्तुलन (Self Balancing) आधार प्रदान करना है, ताकि सरलतापूर्वक नियन्त्रण स्थापित किया जा सके। लागत नियन्त्रण खातों को उपर्युक्त वर्णित लागत खाता-पुस्तकों के आधार पर निम्नलिखित दो भागों में बाँटा जा सकता है

(A) सामान्य खाता-बही समायोजन खाता (General Ledger Adjustment Account)-इसे लागत खाता-बही नियन्त्रण खाता (Cost Ledger Control Account) भी कहते हैं। इसमें स्थायी सम्पत्तियों, रोकड़ तथा व्यक्तिगत खातों को रखा जाता है जिन्हें लागत लेखों में नहीं रखा जाता है। इस खाते का प्रमुख उद्देश्य द्वि-प्रविष्टि (Double Entry) को पूर्ण । करके लागत खाता-बही को स्व-सन्तुलक आधार प्रदान करना है। वित्तीय पुस्तकों से लागत पुस्तकों को तथा लागत पुस्तकों से वित्तीय पुस्तकों को किये जाने वाले सभी ट्रांसफर इसी खाते के माध्यम से किये जाते हैं। समस्त व्यय की मदों की राशि से यह खाता क्रेडिट किया जाता है तथा विक्रय राशि से इसे डेबिट करते हैं। एक निश्चित अवधि के शुद्ध लाभ अथवा शुद्ध हानि को भी इसी खाते में अन्तरित किया जाता हैं ।

 (B) सहायक खाता-बहियों के नियन्त्रण खाते (Control Accounts for Subsidiary Books)-सहायक खाता-बहियों के लिये नियन्त्रण खाते खोलने का उद्देश्य सहायक बहियों पर नियन्त्रण रखना होता है। प्रत्येक सहायक खाता-बही के डेबिट तथा क्रेडिट पक्षों का योग लेकर उसे सम्बन्धित नियन्त्रण खाते में लिख दिया जाता है। सहायक खाता-बहियों से सम्बन्धित प्रमुख नियन्त्रण खाते निम्नानुसार हैं

(1) स्टोर्स खाता-बही नियन्त्रण खाता (Stores Ledger Control Account)-यह खाता स्टोर्स खाता-बही में खोले गये सम्पूर्ण खातों के योग से तैयार किया जाता है अर्थात् यह खाता स्टोर्स लेजर के कुल खाते को दर्शाता है। यह खाता कच्ची सामग्री की प्राप्तियों एवं निर्गमन के सारांश को दर्शाता है एवं इसकी सहायता से किसी भी समय हस्तस्थ स्टॉक को भी जाना जा सकता है। प्राप्त की गई सामग्री के कल मल्य से इस खाते को डेबिट किया जाता है तथा स्टोर से निर्गमित अथवा सप्लायर को वापस की गई सामग्री के मूल्य से इस खाते को डेबिट किया जाता है। इस खाते में की जाने वाली प्रविष्टियों को ‘सामग्री प्राप्ति पत्र (Material Received Note) एवं ‘सामग्री माँग-पत्र’ (Material Requisition Slips) की सहायता से लिखा जाता है। इस खाते का शेष स्टोर्स खाता पुस्तक (Stores Ledger) में रखे गये विभिन्न खातों के शेषों के योग के बराबर होता है।

(2) मजदूरी नियन्त्रण खाता (Wages Control Account)-एक निश्चित अवधि में चुकाई गई प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मजदूरी की कुल राशि से इस खाते को डेबिट करते हैं। तत्पश्चात् प्रत्यक्ष मजदूरी की कुल राशि को ‘चालू-कार्य खाता बही नियन्त्रण खाते’ (Work-in-Progress Ledger Control Account) में तथा अप्रत्यक्ष मजदूरी की कुल राशि को सम्बन्धित उपरिव्यय नियन्त्रण खाते (कारखाना उपरिव्यय नियन्त्रण खाते, प्रशासन उपरिव्यय नियन्त्रण खाते अथवा विक्रय एवं वितरण उपरिव्यय खाते में) अन्तरित कर देते हैं। यदि कोई शेष बचता है तो उसे कार्यहीन समय की लागत (Cost of Idle Time) माना जाता है।

(3) कारखाना उपरिव्यय नियन्त्रण खाता (Works Overhead Control Account)-यह खाता सम्पूर्ण कारखाना उपरिव्ययों का लेखा रखता है। वास्तविक व्यय किये गये कारखाना उपरिव्ययों की कुल रकम से इस खाते को डेबिट करते हैं। जबकि उत्पादन के लिये अवशोषित कारखाना उपरिव्ययों की रकम से इस खाते को क्रेडिट करते हये चाल-कार्य खाता-बही नियन्त्रण खाते को डेबिट किया जाता है। अपूर्ण कार्य को चार्ज किये गये उपरिव्यय या तो इस खाते में शेष के रूप में आगे ले जाये जाते हैं अथवा उन्हें कारखाना उपरिव्यय उचन्त खाते (Factory Overhead Suspense Account) को हस्तान्तरित कर देते हैं। इस खाते का शेष उपरिव्ययों के न्यून या अत्यावशोषण को दर्शाता है जिसे उपरिव्यय समायोजन खाते (Overhead Adjustment Account) में या सीधे लागत लाभ-हानि खाते को हस्तान्तरित कर देते हैं।

(4) प्रशासन उपरिव्यय नियन्त्रण खाता (Administration Overhead Control Account)-यह खाता सामान्य प्रशासन तथा कार्यालय सम्बन्धी उपरिव्यय पर व्यय की गई वास्तविक कुल राशि से डेबिट किया जाता है। इन व्ययों का अवशोषण निर्मित माल पर किया जाता है, अत: प्रशासन उपरिवयय की अवशोषित रकम को निर्मित स्कन्ध खाता-बही नियन्त्रण खाते (Finished Goods Ledger Control Account) के डेबिट पक्ष में अन्तरित कर देते हैं एवं इस खाते को क्रेडिट कर देते हैं। इस खाते का शेष उपरिव्ययों के न्यून या अधिक अवशोषण (Under or Over Absorption of Overheads) को प्रदर्शित करता है जिसे लागत लाभ-हानि खाते में हस्तान्तरित कर देते हैं अथवा उपरिव्यय समायोजन खाते में डाल कर आगे ले जाते हैं। अपूर्ण कार्य से सम्बन्धित उपरिव्ययों को प्रशासन उपरिव्यय उचन्त खाते (Administration Overhead Suspense Account) में हस्तान्तरित कर देते हैं।

(5) विक्रय एवं वितरण उपरिव्यय नियन्त्रण खाता (Selling and Distribution Overheads Control Account)-इस खाते को विक्रय एवं वितरण व्ययों की कुल लागत से डेबिट किया जाता है। इन व्ययों को बिक्री पर वसूल करते समय इस खाते को क्रेडिट किया जाता है तथा बिक्री लागत खाते (Cost of Sales Account) को डेबिट किया जाता है। इस खाते का शेष भी उपरिव्ययों के न्यून या अधिक अवशोषण को प्रदर्शित करता है जिसे लागत लाभ-हानि खाते में हस्तान्तरित किया जा सकता है अथवा उपरिव्यय समायोजन खाते में डालकर आगे ले जाया जा सकता है।

(6) चालू-कार्य खाता-बही नियन्त्रम खाता ( Work in Progess Ledger Control Account )इस खाते में एक अवधि के समस्त उपकायो (Jobs) के चालू-कार्य का लेखांकन किया जाता है। प्रत षित कारखाना उपरिव्यय का रकम तथा चाल-कार्य के प्रारम्भिक शेष को इस खाते का संत माल (Finished Stock) क मूल्य से इस खाते को क्रेडिट किया जाता है तथा निर्मित स्कन्ध टेबिट किया जाता हा इस खात का शेष चल रहे अपर्ण कार्य की लागत होती है तथा वह जाब शेषों के बराबर होता है।

(7) निर्मित स्कन्ध खाता-बही नियन्त्रण खाता (Finished Stock Ledger Contron पोषित प्रशासन उपरिव्ययों तथा चालू-कार्य खाते से हस्तान्तरित पर्ण हो चके उपकार्यों (Jobs) | बाह। जब माल का विक्रय किया जाता है तो बेचे गये माल की लागत (Cost of goods sold) है जो अभी बेचा नहीं Account) में अन्तरित लागत (Cost or goods obil) के मूल्य से डेबि ed Stock Ledger Control Account)- इस खाते को पूर्ण हो चुके उपकार्यों (Jobs) के मूल्य से डेबिट किया माल की लागत को दर्शाता है जो अभी बेचा नहीं गया है।

Bcom 2nd Year Cost Accounting Non Integrated Accounting System Study Material Notes in Hindi( Most Important For Bcom Students )

 (8) बिक्री लागत खाता (Cost of Sales Account-इस खाते को बेचे गये माल की लागत त होने वाले विक्रय एव वितरण व्ययों से डेबिट किया जाता है। इस खाते का योग बिक्री का लागत २स खात को बेचे गये माल की लागत तथा बेचे गये माल पर हो इस खाते का योग बिक्री की लागत होता है जिसे लागत तरीका यह भी है कि बिक्री की रकम से सामान्य खाता-बही समायोजन खाता डेबिट तथा इस खाते का क्रीडट तान्तारित करके बन्द कर दिया जाता है। इसका एक वैकल्पिक जाये। ऐसी स्थिति में इस खाते का शेष बिक्री पर हुआ लाभ-हानि टो Loss Account) में हस्तान्तरित कर देते हैं।

(9) उपरिव्यय समायोजन खाता (Overhead Adiustment Account)-जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया जा चुका है  कि इस खाते में विभन्न उपारिव्यया के न्यून या अत्यावशोषण का लेखा किया जाता है। बाद में इस खाते का शेष लागत लाम”!जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया जा चुका है कि खाते में हस्तान्तरित कर देते हैं। इसका एक वैकल्पिक तरीका यह भी है कि उपरिव्ययों के न्यून अथवा अत्यावर रकम को सीधे लागत लाभ-हानि खाते में हस्तान्तरित किया जा सकता है।

(10) उपरिव्यय उचन्त खाता (Overhead Suspense Account)-अपूर्ण कार्य से सम्बन्धित उपरिव्ययों को स्कन्ध के मल्य में सम्मिलित नहीं किया जाता वरन उन्हें सम्बन्धित उपरिव्यय का उचन्त खाता खोलकर उसमें डाबट कर दिया है। आगामी वर्ष के प्रारम्भ में इसका विपरीत लेखा करके इन उपरिव्ययों को पन: सम्बन्धित उपरिव्यय खाते में लिख देते है।। ___

 (11) पूँजीगत आदेश (Capital Order)-कभी-कभी कोई संस्था स्वयं के उपयोग हेतु कोई पूँजीगत प्रकृति का कार्य सम्पन्न करती है। उदाहरण के लिये, किसी संस्था द्वारा अपने कारखाने के वर्कशॉप में स्वयं की आवश्यकता पूर्ति हेतु कुछ। औजार, उपकरण या कल-पुर्जे बनाये जा सकते हैं। ऐसे कार्य के लिये एक अलग खाता खोला जाता है जिसे ऐसे कार्य के सम्बन्ध में सामग्री एवं श्रम पर हुये व्यय की लागत से डेबिट किया जाता है। प्रायः ऐसे कार्य के सम्बन्ध में उपरिव्यय चार्ज नहीं किये जाते। कार्य पूरा हो जाने पर इस खाते का शेष सम्बन्धित कार्य की पूँजीगत लागत को प्रकट करता है जिसे सामान्य खाता-बही समायोजन खाते में हस्तान्तरित कर देते हैं।

(12) सेवा आदेश (Service Order)-यदि कारखाने में मरम्मत एवं अनुरक्षण कार्य किया जाता है तो इसकी लागत को मरम्मत एवं अनुरक्षण खाते (Repairs and Maintenance Account) में डेबिट किया जाता है और बाद में विभिन्न उपरिव्ययों से सम्बन्धित व्यय की राशियों को सम्बन्धित उपरिव्यय खातों (जैसे-कारखाना उपरिव्यय खाता, प्रशासन उपरिव्यय

खाता तथा बिक्री एवं वितरण उपरिव्यय खाता) में हस्तान्तरित कर दिया जाता है।

(13) विशिष्ट उपकार्य या आदेश खाता (Special Order Account)-किसी ग्राहक से विशिष्ट आदेश प्राप्त होने पर उससे सम्बन्धित किये गये व्ययों का लेखा करने के लिये एक अलग खाता खोला जाता है। आदेश के पूरा हो जाने पर उसकी लागत से विशिष्ट आदेश खाता डेबिट तथा चालू-कार्य खाता क्रेडिट कर दिया जाता है। आदेश की सुपुर्दगी पर विक्रय मूल्य से सामान्य खाता-बही समायोजन खाता डेबिट तथा विशिष्ट आदेश खाता क्रेडिट कर दिया जाता है। अन्त में इस खाते को शेष उक्त विशिष्ट उपकार्य या आदेश पर लाभ-हानि दर्शाता है जिसे लागत लाभ-हानि खाते में हस्तान्तरित कर देते हैं।

(14) लागत लाभ-हानि खाता (Costing Profit and Loss Account)-यदि बिक्री लागत खाते के योग को दस खात अन्तरित किया जाता है तो वास्तविक बिक्री की राशि सामान्य खाता-बहा समायोजन खाते में देबिट का केडिट पक्ष में लिखी जायेगी। परन्तु यदि बिक्री लागत खाते से बिक्री पर होने वाला लाभ-हानि ही इस खाते में अन्तरित किया जाता है तो बिक्री पर होने वाले लाभ की रकम से यह खाता क्रडिट तथा हानि की रकम से डेबिन अपोषण का भी लेखा किया जाता है। इसके अतिरिक्त असामान्य हानियों से इस खाते को में उपरिव्ययों के न्यून या अधिक अवशोषण का भी लेखा । की रकम से क्रेडिट किया जाता है। इसी प्रकार किसी विशिष्ट उपकार्य या आदेश ___ डेबिट किया जाता है एवं असामान्य लाभों की रकम से क्रेडिट किया जाता है। इसी पका को देबिट में लिखते हैं। अन्त में, इस खाते का शेष शुद्ध लाभ या । पर होने वाले लाभ को इस खाते की क्रेडिट में तथा हानि को डेबिट में लिखते हैं। अन्त में इस खाते का शेँष शुद्ध लाभ या शुद्ध हानि दर्शाता है जिसे सामान्य खाता-बही समायोजन खाते (General Ledger Adjustment Account) में अन्न। दिया जाता है।

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