BA Growth Romantic Literature Prose, poetry , Drama, Novel Notes

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BA Growth Romantic Literature Prose, poetry, Drama, Novel Notes

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Growth Romantic Literature Prose, poetry, Drama, Novel Notes

अठारहवीं शताब्दी : गद्य और तर्क का युग

मैथ्यू आरनोल्ड ने एक बार कहा था, “अठारहवीं शताब्दी गद्य और तर्क का युग है।” इसे ‘पोप के युग’ के नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी साहित्य में कभी इसे ‘नवसंस्थापित युग’ और कभी ‘आगस्टन युग’ कहकर पुकारा जाता है। आगस्टस का शासन रोम का प्रतिष्ठित अथवा सुनहरा युग रहा है जैसे दान्ते का युग इटेलियन साहित्य का प्रतिष्ठित युग, लुइस XIV का युग फ्रेन्च भाषा का प्रतिष्ठित युग और महारानी एने का युग इंग्लैण्ड का प्रतिष्ठित युग माना जाता है। यह युग गद्य, पद्य एवं नाटक में महान लेखकों का युग था। महान पूज्य नाम है-एडीसन, स्विफ्ट, रिर्चडसन, फील्डिंग, गोल्ड स्मिथ, डॉ. जॉनसन, बर्क, गिबन व पोप।

उस युग के लेखकों ने एलिजाबेथन प्रवृत्ति को अस्वीकृत कर दिया जो अपनी स्वाभाविक शैली, नियमों की बिना परवाह किये, साहस व मनमानी भावनाओं, कल्पना की उड़ान, उर्जा, ताजगी और अच्छी भावनाओं को अपनाये हुए थे। परन्तु अठारहवी शताब्दी के लेखकों ने अपने नियमों को होरेस व अरस्तु की संस्थापित पुस्तकों में खोजा। डाइडन और पोप ने Classicism को पुनर्जीवित किया और उन नियमों का अनुसरण किया जो अन्य क्षेत्रों के महान लेखकों को स्वीकार्य था।

इस युग के सर्वोत्तम लेखक वे व्यक्ति थे जो ग्रीस और रोम के साहित्य में प्रशिक्षित थे, जिन्होंने संस्थापित मॉडल व नियमों को सदैव ध्यान में रखा। इन मॉडल्स ने जीवन्तता पर रोक (नियन्त्रण) को प्रोत्साहित किया, मौलिकता से अधिक अनुकूलता की प्रशंसा की, कल्पना एवं भावनाओं के ऊपर तर्क को अधिक महत्व दिया और अस्पष्ट एवं झक्कीपन के ऊपर कथन की स्पष्टता एवं स्वरूप की नियमितता पर अधिक बल दिया। Classical युग के गुण थे-तर्क, निर्णय एवं अच्छी समझ।

उस युग की सामान्य प्रवृत्ति को एक उपवाक्य में समेटा जा सकता है-‘तर्क का युग’ क्योंकि सोचने और अभिव्यक्त करने के ढंग के साथ तर्क को सम्बद्ध कर दिया गया। तर्क को इस प्रकार भी कहा जा सकता है-अच्छी समझ, विवेकशीलता, बुद्धि एवं चातुर्य। यह निश्चित रूप से अतिभावुकता, अतिप्रवणता, अपव्ययिता, सनकीपन और यहाँ तक कि कल्पना का विरोधी था। वास्तव में इस युग के साहित्य की विशेषताएँ थीं-तर्क एवं अच्छी समझ, व्यवस्था एवं सन्तुलन।

नियतकालिक पत्रिकाओं, मैगजीन एवं समाचार पत्रों के उदय ने संवाद सूचक मध्यवर्ती गद्य शैली के विकास में सहायता की। वैज्ञानिक विचारों के प्रचार के लिए गद्य को ही उपयुक्त माध्यम माना गया। धार्मिक विवाद को परिचालक और सामाजिक व्यवस्था के आलोचकों को सरल, बोधगम्य एवं साधारण बोल चाल की भाषा की आवश्यकता थी। उपदेश, पार्टी मेनीफैस्टो (दस्तावेज), राजनीतिक तर्कों, सामाजिक व्यवहार के आलोचकों और सामान्य रुचि के विषयों को लिए गद्य ही एकमात्र माध्यम था।

डाइडन ने अठारहवीं शताब्दी के लेखकों को वह सब दिया जो वे चाहते थे। इस युग के लेखकों ने स्विफ्ट की सरल, औपचारिक (साधारण बोल चाल) शैली और एडीसन की मध्यवर्ती शैली को अपनाया। एडीसन के निबन्धों की लालित्यपूर्ण रमणीकता, स्विफ्ट के व्यंग्यों की संक्षिप्तता एवं ऊर्जा, फील्डिंग के उपन्यासों की कलात्मक परिष्करण, गिबन के इतिहास की वाक्-चातुर्यता और बर्क की भाषण कला-ये सभी कुछ असाधारण है; यहाँ तक कि ये उस युग के काव्य में भी नहीं पाये जाते।

उस युग का काव्य भी गद्यमय हो गया था। इसका उपयोग कल्पना की उड़ानों के लिए नहीं, अपितु उस युग के साधारण कार्यों के लिए किया गया।

Restoration अवधि एवं पोप युग में अंग्रेजी गद्य का विकास (I)

Restoration युग में गद्य 1660 से 1702 तक की अवधि में Restoration युग अथवा ड्राइडन का युग माना जाता है। सत्रहवीं शताब्दी के मध्य का गद्य आधनिक गद्य से मेल खाता है। इस अवधि में अंग्रेजी गद्य शैली में एक परिवर्तन आया और उस समय के लगभग सभी गद्य लेखकों ने अपने गद्य लेखन में स्पष्टता, सुबोधता, संक्षिप्तता एवं शुद्धता को अपनाना आरम्भ कर दिया। अंग्रेजी गद्य सरल होता गया। यह मिल्टन के युग के समय की तलना में कम अलंकृत थी। इस परिवर्तन को लाने वाले महत्वपूर्ण घटक थे-रॉयल सोसाइटी की स्थापना, मस्तिष्क का आलोचनात्मक रूप, विज्ञान का विकास, छापेखाने का उदय और फ्रैंच प्रभाव। ड्राइडन (1631-1700)

आधुनिक गद्य के निर्माताओं में ड्राइडन को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। उसने अंग्रेजी गद्य एवं आलोचना के क्षेत्र में एक नये युग का सूत्र पात किया। उसे आधुनिक गद्य शैली का जनक माना जा सकता है। वह एक कवि एवं नाटककार था इसलिए उसे काव्य के उद्देश्य बताने थे, नये बिन्दुओं पर तर्क करना था, अपने प्रतिद्वन्द्वियों की आलोचना का उत्तर देना था और अपनी Heroic Tragedy का बचाव करना था। इस उद्देश्य के लिए उसने गद्य का प्रयोग किया। उसने निबन्ध एवं आमुख लिखे। उसे दो गद्य कृतियों को लिखने का श्रेय प्राप्त है-TheEssay of Dramatic Poesy तथा Preface to the Ballads. उसकी भाषा साल, सुबोध एवं समझने योग्य है। उसका गद्य ऊष्मा-रहित एवं धात्विक है।

जॉन बनयान (1628-1688)-बनयान ने कुल मिलाकर 60 पुस्तकें लिखी किन्तु उनकी केवल चार पुस्तकें ही प्रसिद्ध हुई है और इन सभी पुस्तकों में धार्मिक तत्वों का समावेश है। उसकी पहली पुस्तक Grace Abounding है जो एक आत्मिक आत्मकथा है। उसकी सर्वाधिक महत्वपूर्ण पुस्तक Pilgrim’s Progress है। यह एक Allegory है जिसका प्रकाशन 1678 में हुआ था। उसकी तीसरी पुस्तक Life and Death of Mr. Badman है जो Pilgrim’s Progress का प्रतिरूपी है और 1680 में प्रकाशित हई थी। उसकी अन्तिम पुस्तक Holy War है जो सैनिक के जीवन पर एक Allegory है। विषय सामग्री को बनयान ने Parliamentary युद्ध में एक सैनिक के अनुभवों से लिया है। (II) पोप के युग का गद्य

रिचर्ड स्टील (1672-1729)-रिचार्ड स्टील जो अपने समय की एक विशिष्ट हस्ती थी Restoration Period से Augustan युग के सक्रमण काल का प्रतिनिधित्व करता है। रिचार्ड स्टील और जासेफ एडीसन ने अठारहवीं शताब्दी में Periodical निबन्ध की नींव डाली। स्टील ने 12 अप्रैल 1709 ई० से Tatler नामक पत्रिका प्रारम्भ की। यह त्रि-साप्ताहिक थी। लेखक के रूप में स्टील, हास्य चरित्र प्रस्तुत करने की दृष्टि से सार्वभौम रूप में जाना जाता है।

जासेफ एडीसन (1672-1719)-अपने दिनों में वह कवि और नाटककार के रूप ____ में जाना जाता था किन्तु अगली पीढ़ी के पाठकों में वह निबन्धकार के रूप में प्रसिद्ध है।

उसने अपने नाटक Cato का मंचन 1713 में किया था। Opera Rosamond (1707) के पश्चात् उसने The Tatler एवं The Spectator में सहभागिता की और लगभग 274 निबन्धों का योगदान दिया। एडीसन की गद्य शैली सुबोध एवं संक्षिप्त है किन्तु यह अधिक संस्कारित, परिष्कृत एवं सरल है।

जोनाथन स्विफ्ट (1667-1745)-जोनाथन स्विफ्ट पोप युगीन सर्वाधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति था। एडीसन ने उसे देश का सबसे अधिक प्रतिभाशाली व्यक्ति बताया है। उसने अनेक पुस्तकें लिखी जो अधिकतर उपन्यास और कला से सम्बन्धित हैं। उसकी प्रमुख गद्य कृतियाँ हैं-The Battle of the Books, A Tale ofa Tub, Gulliver’s Travels, Journal to Stella तथा Drappier Letters स्विफ्ट ने सत्रहवीं शताब्दी की गद्य शैली से विचलन किया और अंग्रेजी भाषा की शुद्धता एवं शान पर अपना ध्यान केन्द्रित किया। उसका गद्य सुबोध, सशक्त (जीवन्त) एवं लयबद्ध है। इस युग के अन्य गद्य लेखक थे-जान आरबथनॉट, लार्ड बैलिंग बुक, जार्ज बर्कले तथा एन्थोनी एस्ले कपर, दी अर्ल ऑफ शेफबरी।

ऐलिजाबेथन युग में, विशेष रूप से संक्रमणकाल के दौरान अधिक संख्या में लेखकों द्वारा गद्य को समृद्ध किया गया। ये लेखक गद्य लेखन की विभिन्न विधाओं में अपना सानी नहीं रखते थे-निबन्ध, आलोचनात्मक गद्य, जीवनी, ऐतिहासिक एवं राजनीतिक गद्य, पत्र, आलकथांश एवं उपन्यास कृतियाँ जिसमें वह एक नैतिकवादी है और वे कृतियाँ जिनमें वह प्रमुख रूप से एक आलोचक है। उसकी Rambler, The Idler तथा Rasselas प्रथम वर्ग में आते हैं जबकि Dictionary. Preface to Shakespeare तथा Lives of the Poets दूसरे वर्ग में आते हैं। जानसन की गद्य शैली (जानसोनियन) शानोशोकत लिये, कृत्रिम एवं जटिल है। वह कहीं-कहीं दिखावा करने वाला व पंडिताऊ हो गया है।

ओलीवर गोल्ड स्मिथ ( 1728-1774)-ओलीवर गोल्ड स्मिथ एक महान कवि एवं नाटककार था। उसकी मुख्य कृतियाँ हैं-The Traveller, The Deserted Village, The Vicar of Wakefield, Good Natured Man, She stoops to conquer, The Retaliation, The History of Greece, Animated Nature, उसकी गद्य कृतियों में। The Citizen of the World एक दार्शनिक चीनी व्यक्ति द्वारा लन्दन से अपने घर लिखे गये पत्रों की एक श्रृंखला है। उसके निबन्ध The Public Leader में प्रकाशित हुए। The Bee नामक पत्रिका का उसने स्वयं ही सम्पादन किया। उसके निबन्ध प्रशंसनीय है। उसकी गद्य शैली लालित्य पूर्ण, आकर्षक एवं सौहार्द पूर्ण है। रोमान्टिक युग का गद्य

चार्ल्स लैम्बचार्ल्स लैम्ब ने अपना साहित्यिक जीवन लगभग 1795 में प्रारम्भ किया। दोनो ही विधाओं-गद्य और पद्य सानेट लेखन, नाटक-लेखन और उपन्यास लेखन में प्रयोग किये। His Tales of Shakespeare तथा Adventures of Ulysses विविध प्रकार की कहानियाँ लिये हुए है, जो उसकी अपनी बहन Mary के साथ संयुक्त लेखन में लिखी गई है। एक नाटककार के रूप में उसने John Woodvil नामक एक दुखान्त नाटक लिखा है। Specimens of English Dramatic Poets Contemporary with Shakespeare में वह एक आलोचक बन कर उमडा है। Essays of Elia में उसकी सर्वाधिक प्रसिद्धि निहित है। एक उपन्यासकार के रूप में लैम्ब को Rosmund Grey के लिए जाना जाता है। उसे ठीक ही अंग्रेजी निबन्धों का राजकुमार कहा गया है। अंग्रेजी निबन्ध में वह अत्यधिक आकर्षक एवं काव्यमय है।

विलियम हैजलिट्ट (1778-1830)-विलियम हैजलिट्र उन्नसवीं शताब्दी के महान् निबन्धकारों में एक था। वह एक उल्लेखनीय निबन्धकार था और अंग्रेजी निबन्धों के इतिहास में उसका एक महत्वपूर्ण स्थान है। उसकी प्रथम पुस्तक ‘Essay on the Principles of Human Action’ 1805 में प्रकाशित हुई थी। उसकी दो पुस्तकें Table Talk तथा Round Table विविध लेखकों में उसे उच्चतम स्थान दिलाने के लिए काफी है। उसने चिर-परिचित शैली में लिखा। उसे भाषा एवं शब्द चयन पर पूर्ण अधिकार प्राप्त था। वह ऊबाऊ और भाषण कर्ता की भाषा के बजाय सरलता और ऊर्जा के साथ लिख सकता था।

टामस डी क्विन्सी (1785-1859)-टामस डी क्विन्सी का वास्तविक साहित्यिक जीवन 1821 में The Confessions of an English Opium Eater के प्रकाशन के साथ प्रारम्भ हुआ। इसके पश्चात् उसने लेखों की लम्बी श्रृंखलाएँ लिखी जो विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई। इनमें से एक है-Murder Considered as one of the fine Arts (1827).

 

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