रोकड़-प्रवाह विवरण तथा रोकड़ बजट में अन्तर
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(DISTINCTION BETWEEN CASH-FLOW STATEMENT AND CASH BUDGET)
रोकडं प्रवाह विवरण तथा रोकड बजट बनाने की प्रक्रिया लगभग समान ही है.अत:राकड़-प्रवाह विवाद तथा रोकड़ बजट लगभग एकसमान ही हैं। परन्त इन दोनों में प्रमुख अन्तर निम्नलिखित है
(i) रोकड़-प्रवाह विवरण का निर्माण विगत दो वर्षों के लेखों से सम्बन्धित होता है, जबकि रोकड़ बजट
का निर्माण भविष्य के अनमानित आंकड़ों के आधार पर किया जाता है।
(ii) रोकड़-प्रवाह विवरण का निर्माण सामान्यतया दो आर्थिक चिट्ठों (प्रारम्भिक तथा अन्तिम) के आध
पर किया जाता है जबकि रोकड-बजट का निर्माण एक निश्चित अवधि हेतु (3 माह,6 माह.12 माह आदि) विगत आंकड़ों को आधार मानकर किया जाता है।
(iii) रोकड़-प्रवाह विवरण वास्तविक आंकड़ों के आधार पर बनाया जाता है, अतः मौसमी परिवर्तनों का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। रोकड़ बजट अनुमानित आंकड़ों के आधार पर बनाया जाता है, अत: मौसमी परिवर्तनों को पूर्वानुमान में सम्मिलित कर लिया जाता है।
(iv) रोकड़-प्रवाह विवरण के अन्तर्गत रोकड़ में हुये भूतकालीन परिवर्तनों का वर्णन एवं विवेचन किया जाता है, जबकि रोकड़ बजट में भविष्य में होने वाले रोकड़ सम्बन्धी परिवर्तनों का अनुमान लगाया जाता है।
(v) रोकड़-प्रवाह विवरण प्रबन्धकों के अतिरिक्त अंशधारियों,ऋणपत्रधारियों, विनियोजकों, सरकार, बैंकों आदि के लिए भी उपयोगी होता है, जबकि रोकड़ बजट का लाभ केवल प्रबन्ध वर्ग को ही प्राप्त।होता है।
उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि रोकड़-प्रवाह विवरण एवं रोकड़ बजट में सैद्धान्तिक रूप से कोई अन्तर नहीं है। रोकड़-प्रवाह विवरण भूतकालीन आंकड़ों पर आधारित रोकड़ विश्लेषण की तकनीक है तो रोकड़ बजट पूर्वानुमानित आंकड़ों पर आधारित विश्लेषण की तकनीक है, दोनों को तैयार करने का उद्देश्य भी एक समान है।
Financial Accounting Cash Flow
रोकड़-प्रवाह विवरण के उपयोग एवं महत्त्व
(USES OR SIGNIFICANCE OF CASH-FLOW STATEMENT)
(1) रोकड़ के आवागमन को प्रकट करना (Disclosure of the movement of cash) इस विवरण के द्वारा वित्तीय प्रबन्धकों को एक निश्चित समयावधि के मध्य रोकड़ आगमों एवं रोकड निर्गमों की जानकारी उपलब्ध हो जाती है। यह विवरण उन परिस्थितियों के विश्लेषण को भी स्पष्ट करता है जिनमें भारी शुद्ध लाभों के बावजूद रोकड़ शेष में कमी या भारी शुद्ध हानि के बावजूद रोकड़ शेष में वृद्धि होती है।
(2) वित्तीय नीतियों के नियोजन एवं समन्वय में सहायक (Helpful in planning and financial policies) वित्तीय नीतियों के नियोजन का मुख्य आधार रोकड़ ही होती है। प्रक्षेपित (Projected) रोकड़-प्रवाह की सहायता से प्रबन्ध को यह जानकारी मिलती है कि भविष्य में कितनी रोकड प्राप्त होगी तथा कितनी रोकड़ की अतिरिक्त व्यवस्था करनी होगी। इस प्रकार यह तकनीक वित्तीय नीतियों के नियोजन एवं समन्वय में सहायक होती है।
(3) रोकड़ के पूर्वानुमान में सहायक (Helpful in forecasting of cash) विभिन्न वर्षों के राकड़-प्रवाह विवरणों के विश्लेषण के आधार पर रोकड के विभिन्न स्रोतों एवं उपयोगों की प्रवृत्ति का अध्ययन किया जा सकता है एवं प्रवृत्ति (trend) अध्ययन की सहायता से भविष्य के लिये रोकड़ के विभिन्न स्रोतों एवं उपयोगों का पूर्वानुमान किया जा सकता है।
(4) अल्पकालीन वित्तीय निर्णयों में सहायक (Helpful in short-term financial decisions) विभिन्न वर्षों के रोकङ-प्रवाह विवरणों के विश्लेषण के आधार पर रोकड़ का पूर्वानुमान सरलतापूर्वक हो जाता है । रोकड़ का पूर्वानमान अल्पकालीन वित्तीय निर्णयों के लिये यह जानकारी प्रदान करता है कि सम्बन्धित संस्था की तरल स्थिति कैसी रहेगी तथा तरलता की उस स्थिति को ध्यान में रखते हुए संस्था को कोई व्यवहार करना चाहिये या नहीं। इस प्रकार रोकड-प्रवाह की सहायता से वित्तीय प्रबन्धको का अल्पकालीन वित्तीय निर्णय लेने में सहायता मिल जाती है।
(5) रोकड़ नियन्त्रण में सहायक (Helpful in cash control) इसकी सहायता से रोकड़ चक्र क पिछले व्यवहार की जानकारी प्राप्त करके भविष्य में रोकड के उपयोग पर नियन्त्रण किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त किसी विशेष अवधि के पूर्वानुमानित रोकड बजट की उसी अवधि के रोकड़-प्रवाह विवरण से तुलना करके भी रोकड़ भुगतान पर नियन्त्रण किया जा सकता है।
(6) नीतियों के निर्धारण में सहायक (Helpful in the formation of policies) इस विवरण के माध्यम से रोकड़ के विभिन्न स्रोतों एवं उपयोगों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो जाती है, जिससे वित्तीय प्रबन्धकों को दीर्घकालीन ऋणों को चुकता करने. स्थायी सम्पत्तियों का विस्तार अथवा पुनर्स्थापन करने एवं लाभांश घोषित करने आदि से सम्बन्धित नीतियों के निर्धारण में सहायता मिलती है।
रोकड़-प्रवाह विवरण-संशोधित लेखांकन प्रमाप-3
(CASH FLOW STATEMENT : REVISED ACCOUNTING STANDARD : 3)
रोकड़-प्रवाह विवरण के सम्बन्ध में इन्स्टीटयट ऑफ चार्टर्ड एकाउन्टैन्ट्स ऑफ इण्डिया ने जून 1981 में निर्गत लेखांकन प्रमाप-3 (AS-3) के स्थान पर मार्च 1997 में संशोधित लेखांकन प्रमाप-3 (Revised AS-3) निर्गमित किया है। 1 अप्रैल 2001 से निम्नलिखित उपक्रमों के लिए संशोधित लेखांकन प्रमाप-3 के अनुसार रोकड़-प्रवाह विवरण तैयार करना अनिवार्य कर दिया गया है
(अ) ऐसे उपक्रम जिनके समता अंश या ऋण-पत्र भारत में किसी मान्यता प्राप्त स्कन्ध विपणि (Stock exchange) पर सूचीबद्ध हैं।
(ब) ऐसे उपक्रम जो अपने समता अंशों या ऋण-पत्रों को भारत में किसी स्कन्ध विपणि पर सूचीबद्ध कराना चाहते हैं या जिन्हें सूचीबद्ध करने की कार्यवाही चल रही है तथा इस आशय का प्रस्ताव संचालकों द्वारा संचालक मण्डल की बैठक में पारित कर लिया गया है।
(स) वे सभी औद्योगिक उपक्रम जिनकी बिक्री लेखांकन अवधि में 50 करोड़ रुपये से अधिक है। संशोधित प्रमाप के अनुसार रोकड़-प्रवाहों को निम्नलिखित तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है
(1) परिचालन क्रियाओं से रोकड़ प्रवाह (Cash flows from operating activities)।
(2) विनियोजन क्रियाओं से रोकड़ प्रवाह (Cash flows from investing activities)
(3) वित्तीयन क्रियाओं से रोकड़ प्रवाह (Cash flows from fir ancing activities)
(1) परिचालन क्रियाओं से रोकड़ प्रवाह (Cash flows from operating activities)- परिचालन क्रियाएँ उपक्रम की प्रमुख आगम देने वाली क्रियाएँ होती हैं एवं ऐसे व्यवहारों एवं घटनाओं से होने वाले रोकड़ प्रवाहों को शामिल करती हैं जिनसे शुद्ध लाभ या हानि का निर्धारण होता है। परिचालन क्रियाओं से रोकड़ प्रवाहों के मुख्य उदाहरण हैं
(अ) माल के विक्रय और सेवा प्रदान करने से रोकड़ प्राप्तियाँ ।
(ब) अधिकार शुल्क, फीस. कमीशन से रोकड़ प्राप्तियाँ एवं अन्य आगम ।
(स) माल और सेवाओं हेतु आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान। (द) कर्मचारियों को अथवा उनकी ओर से रोकड़ भुगतान ।
(य) आय-कर के लिये रोकड़ भुगतान और वापसियाँ जब तक कि इन्हें विशिष्ट रूप से वित्तीयन एवं विनियोजन क्रियाओं के रुप में न मान लिया जाये।
(र) अनुबन्धों से सम्बन्धित रोकड़ प्राप्तियाँ एवं भुगतान जब व्यापार या व्यवहार के उद्देश्य हेतु अनुबन्ध
किये गये हों ।परिचालन क्रियाओं से रोकड़ प्रवाह ज्ञात करने की निम्नलिखित दो रीतियाँ हैं
(1) प्रत्यक्ष रीति (Direct Method), (2) अप्रत्यक्ष रीति (Indirect Method)
(1) प्रत्यक्ष रीति (Direct Method) इस विधि के अन्तर्गत परिचालन क्रियाओं से रोकड़ प्राप्तियों जैसे नकद बिक्री.ग्राहकों एवं देनदारों से वसूल की गई रकम,ब्याज अथवा लाभांश से रोकड की प्राप्ति आदि। एवं परिचालन क्रियाओं के लिये रोकड़ भुगतानों जैसे माल एवं सेवाओं हेतु लेनदारों को भुगतान, कर्मचारियों को उनकी सेवाओं हेतु भुगतान, ब्याज का भुगतान एवं सरकार को करों हेतु भुगतान को प्रदर्शित किया जाता है। रोकड़ प्राप्तियों एवं रोकड़ भुगतानों के मध्य का अन्तर परिचालन क्रियाओं से शुद्ध रोकड़ प्रवाह कहलाता है। संक्षेप में,इस विधि के अन्तर्गत परिचालन क्रियाओं से रोकड प्रवाह ज्ञात करने का प्रारूप निम्नलािखित है
Financial Accounting Cash Flow
(2) अप्रत्यक्ष रीति (Indirect Method) इस विधि के अन्तर्गत गैर-रोकड़ प्रकृति के व्यवहारों एवं चालू सम्पत्तियों तथा चालू दायित्वों के प्रभाव हेतु शुद्ध लाभ (हानि) को समायोजित किया जाता है । ऐसी मदें. ‘जनसे शुद्ध लाभ तो प्रभावित हुआ है परन्त उनसे रोकड प्रवाह नहीं होता है,उनकी रकमों को लाभ-हानि खाते द्वारा प्रदर्शित शुद्ध लाभ में जोडा जाता है। ऐसी मदों में ह्रास, अमूर्त सम्पत्तियों का अपलेखन, विनियोग या स्थायी सम्पत्तियों की बिक्री से हानि आदि को सम्मिलित किया जाता है। इसके विपरीत गैर-रोकड़ और गैर-परिचालन आगमों (जैसे ब्याज एवं लाभांश से आय, विनियोगों और स्थायी सम्पत्तियों के विक्रय से लाभ आदि को) घटाया जाता है। इस प्रकार समायोजित लाभ/कार्यशील पूंजी के परिवर्तनों से पूर्व परिचालन लाभ (Operating profit before working capital changes) कहलाता है। इसके बाद चालू परिचालन सम्पत्तियों (रोकड़ और रोकड़ तुल्यों को छोड़कर सभी चालू सम्पत्तियाँ जैसे देनदार, प्राप्य बिल,स्कन्ध, पूर्वदत्त व्यय आदि) एवं चालू परिचालन दायित्वों (बैंक अधिविकर्ष को छोड़कर सभी चालू दायित्व, जैसे व्यापारिक लेनदार, देय बिल, अदत्त व्यय आदि) में हुई कमी या वृद्धि के लिये समायोजन किये जाते हैं। चालू सम्पत्तियों एवं चालू दायित्वों में होने वाले परिवर्तन शुद्ध लाभ की राशि को तो प्रभावित नहीं करते परन्तु परिचालन क्रियाओं से रोकड प्रवाह की राशि को अवश्य ही प्रभावित करते हैं। अत: ‘परिचालन क्रियाओं से रोकड प्रवाह की राशि ज्ञात करते समय चालू सम्पत्तियों एवं चालू दायित्वों में होने वाले परिवर्तन के लिए समायोजन करना आवश्यक होता है । गत वर्ष की तुलना में चालू वर्ष में चालू सम्पत्तियों की राशि में कमी होने से रोकड़ प्रवाह में वृद्धि होती है एवं चालू सम्पत्तियों की राशि में वृद्धि होने पर रोकड़ प्रवाह में कमी होती है। दूसरी ओर चालू दायित्वों की राशि में कमी होने पर रोकड़ प्रवाह में कमी होती है तथा चालू दायित्वों की राशि में वृद्धि होने पर रोकड़ प्रवाह में वृद्धि होती है। अत: चालू सम्पत्तियों की कमी तथा चालू दायित्वों की वृद्धि को शुद्ध लाभ में जोड़ा जाता है एवं चालू सम्पत्तियों की वृद्धि तथा चालू दायित्वों की कमी को घटाया जाता है।
ध्यान रखने योग्य महत्त्वपूर्ण बिन्दु-लेखांकन मानक-3 (AS-3) के अनुसार करों के लिए आयोजन (Provision for Taxation) तथा प्रस्तावित लाभांश (Proposed Dividend) को लाभों का नियोजन (Appropriation of Profit) माना गया है। यदि प्रश्न में प्रदत्त चिट्ठों में इन दोनों मदों को Current Liabilities शीर्षक के अन्तर्गत दिया हुआ हो तो भी इनका उपचार लाभों के नियोजन के रूप में ही किया जायेगा, चालू दायित्वों के रूप में उपर्युक्त वर्णित समायोजन नहीं किया जाएगा। यदि करों के आयोजन के ग्थान पर देय कर (Tax Payables) दिया हो तो उसे चालू दायित्व मानना उचित एवं तर्कपूर्ण होगा। संक्षेप में, इस विधि के द्वारा परिचालन क्रियाओं से रोकड़ प्रवाह ज्ञात करने का प्रारूप निम्नवत् होगा
Financial Accounting Cash Flow
नोट-प्रत्यक्ष विधि और अप्रत्यक्ष विधि दोनों से समान परिणाम प्राप्त होते हैं। प्रश्न में दी हुई सूचनाओं के आधार पर ही यह निश्चित करेंगे कि परिचालन क्रियाओं से रोकड़ प्रवाह ज्ञात करने के लिए किस विधि को प्रयोग करना उपयुक्त रहेगा।
कर से पूर्व शुद्ध लाभ की गणना (Calculation of Net Profit before Tax)-रोकड़ प्रवाह विवरण तैयार करते समय सर्वप्रथम परिचालन क्रियाओं से राकड़ प्रवाह ज्ञात करने हेतु Net Profit before Tax की राशि लिखी जाती है । Net Profit before Tax ज्ञात करने के लिए प्रायः निम्नलिखित तीन मदों की राशि को शुद्ध लाभ की राशि में जोड़ दिया जाता है
(i) Provision for Income Tax made during the year.
(ii) Provision for dividend to shareholders or Dividend/Interim Dividend paid to shareholders.
(iii) Transfer to General Reserve or any other reserve during the year.
कर के प्रावधान तथा कर के भुगतान की गणना एवं उपचार (Calculation and Treatment of Provision for Tax and Payment of Tax)-यदि पिछले वर्ष तथा चालू वर्ष के चिट्टे (Balance Sheets) में Provision for Tax की राशि दर्शायी गई है तो अन्य सूचना के अभाव में यह माना जाएगा कि पिछले वर्ष की Provision for Tax की राशि इस वर्ष में चुकायी गई है तथा चालू वर्ष में Provision for Tax का वास्तव में Provision किया गया है। यदि प्रश्न में चुकाये गये कर की राशि भी बताई हई हो तो चाल वर्ष के अन्तर्गत किये गये कर के प्रावधान (Provision for tax) की राशि ज्ञात करने के लिए निम्नलिखित प्रारूप में Provision for Tax Account तैयार कर लेना चाहिए
PROVISION FOR TAX ACCOUNT
Particulars Particulars
To Bank A/c (Tax Paid) By Balance b/d
To Balance c/d By Profit and Loss A/C
(Provision made during the year)
(i) वर्ष के दौरान कर की चुकाई गई राशि को परिचालन क्रियाओं से रोकड प्रवाह (Cash flow from operating activities) ज्ञात करते समय Cash generated from Operating activities की राशि में से घटा दिया जाता है।
(ii) चाल वर्ष के अन्तर्गत किये गये कर आयोजन की राशि को Not profit before tax शात पर
के लिए शुद्ध लाभ की राशि में जोड़ दिया जाता है।.
प्रस्तावित लाभांश (Proposed Dividend)
(i) पिछले वर्ष के चिट्टे के दायित्व पक्ष में दी हुई प्रस्तावित लाभांश की राशि का चालू वर्ष में निश्चित ___ रूप से भुगतान कर दिया जाता है। इससे चालू वर्ष में रोकड़ का बहिर्गमन (outflow of cash) होता है एवं यह एक वित्तीय क्रिया है । अतः इसे ‘Cash Flow from Financing Activities’ शीर्षक के अन्तर्गत भुगतान के रूप में दिखाया जायेगा।
(ii) चालू वर्ष के चिट्ठे के दायित्व पक्ष में दी हुई प्रस्तावित लाभांश की राशि को ‘Cash flow from Operating Activities’ शीर्षक के अन्तर्गत चालू वर्ष के लाभों की रकम में जोड़ देंगे।
Illustration 3. निम्नलिखित मदों को समायोजित करने के बाद मोनिका लि. का शुद्ध लाभ 3,00,000 रुपये था
Net Profit of Monika Ltd. was Rs. 3,00,000 after adjusting the following items:
प्रारम्भिक व्यय अपलिखित (Preliminary Expenses written off) Rs. 3,000 ; ह्रास (Depreciation ) Rs. 30,000 ; भवन की बिक्री पर हानि (Loss on sale of building) Rs. 12,000; संदिग्ध ऋणों के लिए आयोजन (Provision for doubtful debts) Rs. 6,000; उपस्कर की बिक्री पर लाभ (Profit on sale of furniture) Rs. 4,500 ।
चालू सम्पत्तियों तथा चालू दायित्वों की स्थिति निम्न प्रकार है
Following is the position of Current Assets and Current Liabilities :
31.03.2014 31.03.2015
देनदार (Debtors) 31,200 46,800
प्राप्य विपत्र (Bills Receivable) 9,000 7,200
पूर्वदत्त व्यय (Prepaid Expenses) 1,200 1,800
स्कन्ध (Stock) 43,200 35,400
लेनदार (Creditors) 24,000 30,600
देय विपत्र (Bills Payable) 31,800 19,200
देय आयकर (Income tax payable11,400 78,00
गत वर्ष का आयकर चालू वर्ष में चुकाया गया।
Income tax payable last year has been paid in current year.
संचालन क्रियाओं से रोकड़ की गणना कीजिए।
Calculate cash from operating Activities.
Financial Accounting Cash Flow
Illustration 4. निम्नलिखि सूचनाओं से परिकलन क्रियाओं से रोकडं प्रवाह की गणना कीजिए
Calculate cash flow from operating activities from the following information :
Particulars 31.03.14 31.03.15
लाभ हानि खाता (Profit & Loss A/C) 30,000 1,08,000
देनदार (Debtors) 30,000 24,000
लेनदार (Creditors) 15,000 12,000
प्राप्य विपत्र (Bills Receivables) 6,000 75,000
देय बिल (Bills Payables) 24,000 5,000
अदत्त व्यय (Outstanding Expenses) 480 600
उपार्जित आय (Accrued Income) 3,600 42,00
(2) विनियोजन क्रियाओं से रोकड प्रवाह (Cash flow from investing activities)वानयोजन क्रियाओं में ऐसे व्यवहार एवं घटनायें सम्मिलित होती हैं जो कि दीर्घकालीन उत्पादकीय सम्पत्तिया जस-भूमि, भवन उपकरण (प्लान्ट एवं मशीनरी) जो पुनर्बिक्री के लिये नहीं होती.विनियोग जो रोकड़ तुल्य नहीं है, आदि से सम्बन्धित होती हैं। संशोधित लेखांकन प्रमाप-3 के अन्तर्गत विनियोजन क्रियाओं से रोकड़ प्रवाह के निम्नलिखित उदाहरण दिये गये हैं
(i) अमूर्त सम्पत्तियों जैसे ख्याति, पेटेन्ट्स एवं कॉपीराइट्स सहित स्थिर सम्पत्तियों को प्राप्त करने हेतु रोकड़ भुगतान पूँजीगत शोध एवं विकास लागतें और स्व-निर्मित स्थिर सम्पत्तियों हेतु किया गया भुगतान भी सम्मिलित है।
(ii) अमूर्त सम्पत्तियों सहित सभी स्थिर सम्पत्तियों के विक्रय से रोकड़ प्राप्तियाँ ।
(iii) अन्य उपक्रमों के अंशों, वारंटों अथवा ऋण-प्रपत्रों एवं संयुक्त साहसों में हितों की प्राप्ति के लिये रोकड़ भुगतान अथवा विक्रय से रोकड़ प्राप्तियाँ ।
(iv) एक वित्तीय उपक्रम के अतिरिक्त अन्य किसी उपक्रम द्वारा तृतीय पक्षों को दिये गये रोकड़ अग्रिम और ऋण।
(v) एक वित्तीय उपक्रम के अतिरिक्त अन्य किसी उपक्रम द्वारा तृतीय पक्षों को दिये गये अग्रिमों और ऋणों की वापसी से रोकड़ प्राप्तियाँ ।
(vi) वित्तीग्न क्रियाओं के रूप में व्यवहार अथवा व्यापारिक अनुबन्धों के अतिरिक्त भावी अनुबन्धों(Future Contracts), आगे के अनुबन्धों (Forward Contracts), विकल्प अनुबन्धों (Option Contracts) और बदले के अनुबन्धों (Swap Contracts) से रोकड़ प्राप्तियाँ एवं उनके लिये रोकड़ भुगतान।
विनियोजन क्रियाओं से रोकड़ प्रवाह ज्ञात करने के लिए वर्ष के प्रारम्भ में तथा वर्ष के अन्त में स्थायी सम्पत्तियों एवं दीर्घकालीन विनियोगों के शेष में होने वाले परिवर्तनों का विश्लेषण किया जाता है।
स्थायी सम्पत्तियों के क्रय-विक्रय से सम्बन्धित अज्ञात राशि अथवा ह्रास की गणना
(ASCERTAINING MISSING AMOUNTS REGARDING PURCHASE OR SALE OF FIXED ASSETS OR DEPRECIATION)
(i) मूल लागत (Original Cost) पर स्थाई सम्पत्ति खाता बनाना–जब प्रश्न में स्थिति विवरण में दोनों वर्षों का ह्रास आयोजन (Provision for Depreciation or Accumulated Depreciation) दिया हुआ होता है तो इसका अर्थ यह होता है कि स्थिति विवरण में दी हुई स्थाई सम्पत्तियाँ मूल लागत (Original Cost) पर हैं। ऐसी दशा में स्थाई सम्पत्ति खाता अलग से बनाना चाहिए तथा ह्रास आयोजन खाता अलग से बनाना चाहिए। स्थाई सम्पत्ति खाते से सम्पत्ति के क्रय अथवा विक्रय का पता चल जाता है तथा ह्रास आयोजन खाते से चालू वर्ष के ह्रास का पता चलता है। ऐसी दशा में स्थाई सम्पत्ति खाता एवं ह्रास आयोजन खाता निम्नलिखित प्रकार से तैयार किया जाता है
Notes : Accumalated Depreciation on the fixed asset sold or depreciation charged for the current accounting year may not be given Which shall be the balancing amount
(ii) अपलिखित मूल्य (Written Down Value) पर स्थाई सम्पत्ति खाता बनाना–यदि स्थिति विवरण में दोनों वर्षों का ह्रास आयोजन (Provision for Depreciation or Accumulated Depreciation) नहीं दिया हुआ हो तो इसका अर्थ यह होता है कि स्थिति विवरण में दी हुई स्थाई सम्पत्तियाँ अपलिखित मूल्य (Written down value) पर हैं। अतः स्थाई सम्पत्ति खाता अपलिखित मूल्य के आधार पर बनाया जाएगा। ऐसी दशा में यदि समायोजनों में चालू वर्ष का ह्रास दिया हुआ हो तो इसे सम्पत्ति खाते में क्रेडिट कर दिया जाता है।
सम्पत्ति खाते में जो अन्तर आएगा वह सम्पत्ति का क्रय अथवा विक्रय प्रदर्शित करेगा। यदि सम्पत्ति खाते के क्रेडिट पक्ष का योग डेबिट पक्ष से अधिक है तो अन्तर की राशि को सम्पत्ति का क्रय माना जाएगा और यदि डेबिट पक्ष का योग अधिक है तो अन्तर को सम्पत्ति का विक्रय माना जाएगा।
स्थाई सम्पत्ति के विक्रय से हानि या लाभ (Loss or Profit ort Sale of Fixed Asset) यदि स्थाई सम्पत्ति के बेचने से हानि हुई है तो हानि की राशि को सम्पत्ति खाते के क्रेडिट में लिखते हैं और यदि लाभ हुआ है तो इसे सम्पत्ति खाते के डेबिट में लिखते हैं
Financial Accounting Cash Flow
नोट1 स्थायी सम्पत्ति खाते के डेबिट पक्ष का शेष स्थायी सम्पत्ति के क्रय को दर्शाता है जबकि क्रेडिट पक्ष का शेष स्थायी सम्पत्ति के विक्रय/हास (Depreciation) को दर्शाता है।
2. प्रश्न में सामान्यतया हास (Depreciation) की सूचना दी हुई होती है। विद्यार्थियों को सम्पत्ति के क्रय-विक्रय (Purchase/Sale of Asset) की राशि ज्ञात करनी होती है।
3. यदि प्रश्न में हास (Depreciation) या विक्रय (Sale) की राशि नहीं दी गई है तो अन्तर की राशि को ह्रास या विक्रय माना जा सकता है। ध्यान रहे, भूमि (Land) की स्थिति में अन्तर की राशि को विक्रय माना जाएगा मागोंकि अमि पर हास नहीं लगता : ख्याति (Goodwill) ट्रेड-मार्क के मूल्य में कमी को यह मानना चाहिए कि राशि अपलिखित (Written off) की गई है।
Illustration 5. अग्रलिखित सूचनाओं से विनियोजन क्रियाओं से रोकट प्रवाह की गणना कीजिए
From the following information calculate cash flows Investing Activities :
अतिरिक्त सूचनाएँ (Additional Information):
अंशों पर चुकाया लाभांश (Dividend Paid on Shares) 10,500
ऋण पत्रों पर चुकाया ब्याज (Interest paid on Debentures) 14,000
Note: Figure in brackets represent outflows.
कुछ विशिष्ट मदों का उपचार (Treatment of Certain Special Items)-क्रियाओं की उपर्युक्त तीन श्रेणियों के अतिरिक्त ‘संशोधित लेखाकन प्रमाप–3′ रोकड़-प्रवाह की निश्चित विशिष्ट मदों का उपचार भी प्रदान करता है, जिसकी विवेचना निम्नलिखित प्रकार है
(1) ब्याज और लाभांश (Interest and Dividend)-(अ) वित्तीय उपक्रमों की दशा में चुकता किये गये ब्याज एवं लाभांश और ब्याज एवं लाभांश की प्राप्त रकम को ‘परिचालन क्रियाओं से रोकङ-प्रवाह’ में । सम्मिलित किया जायेगा, (ब) गैर वित्तीय उपक्रमों की दशा में (i) चुकता किये गये ब्याज एवं लाभांश से होने वाले रोकड़ प्रवाह को ‘वित्तीय क्रियाओं से रोकड़ प्रवाह’ में सम्मिलित किया जायेगा एवं (i) प्राप्त होने वाले ब्याज एवं लाभांश को विनियोजन क्रियाओं से रोकड़ प्रवाह’ में सम्मिलित किया जायेगा।
(2) असाधारण मदें (Abnormal items)-कुछ असाधारण मदें हो सकती हैं जैसे डूबत ऋणों की वसूली (bad-debts recovered), बीमा कम्पनियों से दावे, मुकदमे की जीत आदि। असाधारण मदों से होने वाले रोकड़ प्रवाह को रोकड़-प्रवाह विवरण में अलग से प्रदर्शित किया जाता है।
(3) आय कर (Taxes on Income)-आय पर चुकाये गये कर की रकम सामान्यतः परिचालन क्रियाओं से रोकड़ प्रवाह में सम्मिलित की जाती है। लेकिन यदि इसे ‘वित्तीयन’ या ‘विनियोजन’ क्रियाओं से विशिष्ट रूप से सम्बन्धित किया जा सके. तो ऐसी दशा में जैसी भी स्थिति हो ‘वित्तीयन’ अथवा ‘विनियोजन क्रियाओं से रोकड प्रवाह के अन्तर्गत दर्शाया जायेगा। उदाहरण के लिए.यदि कम्पनी अपनी भूमि को बेचकर लाभ कमाती है तो यह एक पूँजीगत लाभ (Capital Gain) है। इस लाभ पर जो कर लगेगा वह विनियोजन क्रिया के अन्तर्गत दिखाया जाएगा। इसी प्रकार कम्पनी द्वारा लाभांश के भुगतान पर लगाया गया कर वित्तीय क्रिया के अन्तर्गत दिखाया जायेगा।
(4) महत्त्वपूर्ण गैर–रोकड़ी लेन–देन (Significant Non-Cash Transactions)-कुछ वित्तायन अथवा विनियोजन लेन-देन ऐसे हो सकते हैं जिनके लिये रोकड या रोकड तुल्यों के प्रयोग की आवश्यकता नहीं होती, ऐसे लेन-देनों को गैर रोकडी लेन-देन कहते हैं। उदाहरणार्थ अंशों या ऋणपत्रों के निर्गमन द्वारा। सम्पत्तियों अथवा किसी उपक्रम को क्रय करना.ऋण पत्रों का अंशों में परिवर्तन आदि। ऐसे लेन-देनों को किड़ प्रवाह विवरण में नहीं दिखलाया जाना चाहिये बल्कि इन्हें वित्तीय विवरणों में अन्य किसी स्थान पर इस प्रकार दर्शाया जाना चाहिये ताकि ऐसे लेन-देनों के सम्बन्ध में वांछित सचना प्राप्त हो सके। संक्षेप में ऐसे लेन-देना। को रोकड़-प्रवाह विवरण के बाद एक पृथक् अनुसूची में प्रदर्शित करना चाहिये।
(5) विदेशी मुद्रा के रोकड़ प्रवाह (Foreign Currency Cash Flows)-विदेशी मुद्रा में होने वाला व्यवहारों के कारण होने वाले रोकड़ प्रवाह को रोकड़ प्रवाह की तिथि पर उपक्रम की मुद्रा में विनिमय दर ।। आधार पर परिवर्तित करके रिकॉर्ड किया जायेगा। विदेशी मद्रा पर होने वाला कोई लाभ या हानि रोकड़ प्रवाह। नहीं है. परन्तु अवधि के प्रारम्भ एवं अन्त में रोकड शेषों का मिलान करने के लिये इसे रोकड प्रवाह विवरण। में प्रदर्शित किया जाता है।
Financial Accounting Cash Flow
रोकड़ प्रवाह विवरण की तैयारी
(Preparation of Cash-Flow Statements)
रोकड़-प्रवाह विवरण की तैयारी करने हेतु निम्नलिखित प्रक्रिया अपनायी जाती है
(1) रोकड़ और रोकड़ तुल्यों खातों में शुद्ध वृद्धि/कमी की गणना (Calculation of Net Increase/Decrease in Cash and Cash Equivalents Accounts)-रोकड़ से अभिप्राय हस्तस्थ रोकड तथा बैंकों में जमा माँग जमाओं से है । रोकड़ तुल्य से अभिप्राय अल्पकालीन उच्चतम तरल विनियोगों से है जो कि तुरन्त रोकड़ में परिवर्तनीय हों और जो अपनी परिपक्वता के इतने निकट हों कि, उनके मूल्य में परिवर्तन की जोखिम महत्त्वहीन हो । सरकारी प्रतिभूतियाँ, ट्रेजरी बिल्स एवं पूर्वाधिकारी अंश आदि जो प्राप्ति की तिथि से तीन माह के अन्तर्गत परिपक्वत हो रहे हैं, रोकड़ तुल्य के उदाहरण हैं। रोकड़ और रोकड़ तुल्यों खातों में शुद्ध वृद्धि/कमी की गणना तुलनात्मक चिट्ठों में प्रदत्त इन खातों की तुलना करके की जाती है। ।
(2) परिचालन क्रियाओं द्वारा उपलब्ध या उपयोग की गई शद्ध रोकड़ की गणना [Calculation of the Net Cash Provided (used) by Operating Activities]-इसकी गणना लाभ-हानि खाता, तुलनात्मक चिट्ठा और सम्बन्धित अतिरिक्त सूचना का विश्लेषण करके की जाती है। इसकी विस्तृत विवेचना पीछे की जा चुकी है।
(3) विनियोजन और वित्तीयन क्रियाओं द्वारा उपलब्ध या उपयोग की गई शुद्ध रोकड़ की गणना [Calculation of the Net Cash Provided (used) by Investing and Financing Activities]-अतिरिक्त सूचनाओं को ध्यान में रखते हुये चिट्ठों की मदों में रोकड़ पर प्रभाव निर्धारित करने के लिये सभी अन्य परिवर्तन विश्लेषित किये जाने चाहिये। रोकड़ पर प्रभाव को विनियोजन और वित्तीय क्रियाओं में वर्गीकृत किया जाना चाहिये।
(4) रोकड़–प्रवाह विवरण की तैयारी (Preparation of a Cash Flow Statement) इसमें परिचालन, विनियोजन एवं वित्तीय क्रियाओं के अलग-अलग शीर्षकों के अन्तर्गत सभी रोकड़ अन्तर्वाहों और बहिर्वाहों (Cash inflows and outflows) को प्रकट किया जाता है तथा प्रत्येक क्रिया द्वारा उपलब्ध या उपयोग किया गया शुद्ध रोकड़ प्रवाह दर्शाया जाता है।
(5) इसके पश्चात यह देख लेना चाहिये कि परिचालन, विनियोजन एवं वित्तीयन क्रियाओं से शुद्ध रोकड़ प्रवाहों का योग उपर्युक्त (1) के अन्तर्गत ज्ञात किये गये रोकड़ और रोकड़ तुल्य के खातों में शुद्ध वृद्धि (कमी) के बराबर होना चाहिये।
(6) गैर-रोकड़ और गैर-रोकड़ तुल्य विनियोजन एवं वित्तीयन व्यवहारों को रोकड़-प्रवाह विवरण के पश्चात् अलग अनुसूची में दिखाना चाहिये।
नोट-संशोधित लेखांकन प्रमाप-3 (AS-3) के अनुसार रोकड़-प्रवाह विवरण के अन्तर्गत करों के लिये आयोजन एवं प्रस्तावित लाभांश को एक गैर-चालू मद मानते हुये लाभों के नियोजन के रूप में प्रदर्शित करना चाहिये।
रोकड़–प्रवाह विवरण का प्रारूप
(FORMAT OF CASH-FLOW STATEMENT)
यद्यपि संशोधित लेखांकन प्रमाप-3 के अन्तर्गत रोकड़-प्रवाह विवरण का कोई निर्धारित प्रारूप नहीं दिया गया है.परन्त उपयुक्त विवेचना के आधार पर इसका व्यापक रूप से स्वीकृत प्रारूप अग्रलिखित है
सन् 2015 में बिक्रि 2,18,500 रुपये थी । कम्पनी द्दारा कोई लाभाशं नहीं चुकाया गया है । भवन तथा प्लाण्ट के मूल्यों में परिवर्तन सन् 2015 को लिये मूल्य ह्रास के कारणों से है । वर्ष 2015 के लिये 1,450 रुपये परिचालन से हानियाँ थीं ।
रोकड़-प्रवाह दिखाते हुये एक विवरण तैयार कीजिये।
Sales in 2015 were Rs. 2,18,500. No dividend has been paid by the Company. The changes in Building and Plant values are on account of depreciation charges for 2015. There were operating losses of Rs. 1,450 for 2015.
Prepare a Statement showing cash-flows.
Financial Accounting Cash Flow
Illustration 9.
1 जनवरी, 2015 को X लि. के निम्नलिखित आंकड़े थे-
X Ltd. had the following figures on 1st Jan. 2015. malay
स्थायी सम्पत्तियाँ (Fixed Assets) 6,00,000 –
ह्रास (Depreciation) 2,10,000
3,90,000
बैंक शेष (Bank Balance) 35,000
अन्य चालू सम्पत्तियाँ (Other Current Assets) 2,50,000
पूँजी (Capital, 100 each) 3,00,000
चालू दायित्व (Current Liabilities) 1,00,000
1 वर्ष 2015 के लिये कम्पनी ने निम्नलिखित अनुमान लगाया1. 60,000 रुपये ह्रास काटने के बाद 55,000 रुपये का लाभ होगा।
2 . कम्पनी 1,00,000 रुपये की लागत की एक स्थायी सम्पत्ति क्रय करेगी, जिसके लिये 50,000 रुपये की लागत की मशीन जिस पर 35,000 रुपये का ह्रास प्रावधान किया गया है 20.000 रुपये में बेचेगी।
3 बैंक शेष को छोड़कर चालू सम्पत्तियां एवं चालू दायित्व वर्ष 2015 के अन्त में अनुमानतः क्रमशः 2.95,000 रुपये एवं 1,30,000 रुपये के हो जायेंगे।
4. कम्पनी 10% कर मुक्त लाभांश का भुगतान करेगी। कर की दर 25% होगी।
वर्ष 2015 के अन्त में X लि. का बैंक (अधिविकर्ष) शेष ज्ञात करें।
The company made the following estimates for 2015 :
1 The profit would be Rs. 55,000 after charging depreciation of Rs. 60,000.
2. The company will purchase a fixed assets costing Rs. 1,00,000 for which on machine would be sold for Rs. 20,000 costing Rs. 50,000 and on which depreciation is provided to Rs. 35,000.
3 Current Assets and Current Liabilities other than Bank Balance at the end of 2015 are expected to be Rs. 2,95,000 and Rs. 1,30,000 respectively.
4 The company will pay free of Tax dividend of 10%. The rate of Tax bei 25%.
Ascertain the Bank (O.D.) of X Ltd. at the end of 2015.
नोट-लाभांश को नहीं दर्शाया जायेगा क्योंकि लाभांश घोषणा का अभी तक लेखांकन नहीं हुआ है।
Illustration 10. हि लि के निम्नलिखित आर्थिक चिट्ठों और सूचनाओं से रोकडं प्रवाह विवरण बनाइएं
From the following Balance Sheets of Hari Ltd. and the additional information given, make out a Cash-flow Statement :
Particulars Notes 31.03.15 31.03.14
- Equity and Liabilities :
Shareholders’ Funds :
(a) Share Capital
Equity Share Capital 4,00,000 3,00,000
10% Redeemable Preference Share 1,00,00 1,50,00
(b) Reserve and Surplus :
Statement of Profit and Loss 48,000 30,000
General Reserve 70,000 40,000
- Current Liabilities :
Trade Payables :
Creditors 83,000 55,000
Bills Payables 16,000 20,000
Short-term Provisions :
Provision for Taxation 50,000 40,000
Proposed Dividend 50,000 42,000
Total (1 + 2) 8,17,000 6,77,000 1 Assets :
Non-Current Assets :
(a) Fixed Assets :
Land and Building 1,70,000 2,00,000
Plant 2,00,000 80,000
Goodwill 90,000 1,15,000
- Current Assets :
Inventory (Stock) 1,09,000 77,000
Trade Receivables :
Debtors 2,00,000 1,60,00
Bills Receivables 30,000 20,000
Cash and Cash Equivalents:
Cash in Hand 10,000 15,000
Cash at Bank 8,000 10,000
Total (1 + 2) 8,17,000 6,77,000
अतिरिक्त सूचनाएँ
(i) वर्ष 2014 15 में 10,000 रुपयें एवं 20,000 रुपये ह्रास क्रमश: प्लाण्ट खाते तथा भूमि एवं भवन खाते पर चार्ज किया गया है।
(ii) 2014-15 में अन्तिम लाभांश 20,000 रुपये चुकाया गया है ।
(iii) 2014-15 में आयकर 35,000 रुपये चुकाया ।
Additional Informations :
(i) Depreciation of Rs. 10,000 and Rs. 20,000 have been charged on Plant Account & Land and Building Account respectively in 2014-15.
(ii) An interim dividend of Rs. 20,000 has been paid in 2014-15.
(iii) Income tax Rs. 35,000 was paid during the year 2014-15.
Financial Accounting Cash Flow
अतिरिक्त सूचनाएँ
(i) वर्ष 2014-15 में 16,000 रुपये लागत के विनियोग 17,000 रुपये में बेच दिये गये।
(ii) वर्ष में कर आयोजन 18,000 रुपये किया गया।
(iii) वर्ष में स्थायी सम्पत्तियों का एक भाग जिसकी लागत 20,000 रुपये थी 24.000 रुपये में बेच दिया गया। लाभ की राशि लाभ-हानि खाते में सम्मिलित कर ली गई।
(iv) वर्ष में 80,000 रुपये लाभांश के चुकाये गये।
आपको रोकड के स्रोतों एवं उपयोगों का विवरण बनाना है।
Additional Informations :
(i) Investment costing Rs. 16,000 were sold during 2014-15 for Rs. 17,000.
(ii) Provision for tax made during the year was Rs. 18,000.
(iii) During the year part of the fixed assets costing Rs. 20.000 was sold for RS 24,000. The profit was included in Profit and Loss Account.
(iv) Dividend paid during the year amounted to Rs. 80,000. You are required to prepare a statement of sources and uses of cash.
Financial Accounting Cash Flow
एकाकी व्यापारी तथा फर्म का रोकड़ प्रवाह विवरण
(CASH FLOW STATEMENT OF SOLE TRADER AND FIRM)
एकाकी व्यापारी एवं फर्म की दशा में संशोधित अनसची VI लागू नहीं होती हैं। एकाकी व्यापारी तथा फर्म की दशा में रोकड़ प्रवाह विवरण तैयार करने हेतु निम्नलिखित उदाहरण देखें
Illustration 15. सर्वश्री श्याम =एण्ड सन्स के 1. 1. 2015 तथा 31. 12. 2015 को स्थिति विवरण निम्नलिखित प्रकार थे
The Balance Sheets of M/s Shayam and Sons as on 1. 1. 2015 and 31. 12. 2015 were as follows:
Balance Sheets
Liabilities 01.01.15 31.12.15 Assets 01.01.15 31.12.15
Creditors 40.000 44,000 Cash 10,000 7,000
Loan from A 25,000 _ Debtors 30,000 50,000
Loan from Bank 40,000 50,000 Stock 35,000 25,000
Capital 1,25,000/ 1,53,000 Machinery 80,000 55,000
Land 40,000 50,000 Building 35,000 60,000
2,30,000/ 2,47,000 2,30,000 2,47,000
वर्ष के दौरान 10,000 रुपये की लागत की एक मशीन (संचित ह्रास 3,000 रुपये) को 5.000 रुपये में बेचा गया। मशीन पर हास के लिये प्रावधान 1 जनवरी, 2015 तथा 31 दिसम्बर 2015 को क्रमश:25.000 रुपये तथा 40,000 रुपये था। वर्ष के लिये शुद्ध लाभ की राशि 45,000 रुपये थी।
During the year a machine costing Rs. 10,000 (accumulated depreciation RS3000) was sold for Rs. 5,000. The provision for depreciation against machinery as on 1st January, 2015 and 31st December, 2015 were of Rs. 25.000 and Rs. 40,000 respectively. Net Profit for the year amounted to Rs. 45,000.
Solution.
SOLUTION ON THE BASIS OF REVISED AS-3
M/S. SIYAM AND SONS
CASH FLOW STATEMENT FOR THE YEAR ENDED 31.12.2015
(A) Cash Flow from Operating Activities : Rs Rs
Net Profit for the year 45,000
Adjustment for :
Depreciation 18,000
Loss on Sale of Machinery 2,000
Financial Accounting Cash Flow